गांव में अक्सर ऐसा होता था कि जब किसी ट्रेन के हॉर्न की आवाज़ सुनाई देती थी तो घर के बड़े अंदाजा लगाने लगते थे कि फलाना एक्सप्रेस निकली होगी, कोई मालगाड़ी निकली होगी, पैसेंजर निकली होगी. खासकर, गर्मी की शामों में जब सब छत पर बैठे होते और कुछ दूर से ट्रेन गुजरती थी तो ऐसे ही कयास लगाए जाते थे. तब हमने ट्रेनों के नाम कितने सही बताए, इसकी तस्दीक तो कभी नहीं की गई, पर घर के कुछ दूर अगर स्टेशन हो तो अक्सर ऐसी बातें हो जाया करती हैं (अटल सत्य नहीं है, ऐसा मैं मान के चल रही हूं).
ट्रेन में एक-दो नहीं 11 तरह के हॉर्न बजते हैं, सबका मतलब आपको पता नहीं होगा!
कब ट्रेन खराब हुई, कब चेन खींचने पर रोकी गई, ट्रेन के हॉर्न से पता चल जाता है.

इसी तरह रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन की हॉर्न सुनकर वहां कतार में खड़ी गाड़ियों के इंजन स्टार्ट होने लगते हैं, ये मानते हुए कि अब फाटक खुलने वाला है, या किसी को स्टेशन छोड़ने गए लोग हॉर्न से अंदाजा लगाने लगते हैं कि अब गाड़ी छूटने ही वाली है.
मोटामाटी ट्रेन के हॉर्न्स से हम इतने ही अंदाजे लगा पाते हैं. लेकिन, मुझे कुछ दिन पहले ही किसी ने बताया कि ट्रेन में एक दो तरह के नहीं बल्कि 11 तरह के हॉर्न (11 Types of Train Horns) होते हैं. और हर तरह के हॉर्न का एक खास मतलब होता है. इन सबका इस्तेमाल अलग-अलग मैसेज देने के लिए किया जाता है.
एक छोटा हॉर्न- एक बार छोटे हॉर्न का मतलब है कि ट्रेन यार्ड में धुलाई-सफाई के लिए जाने को तैयार है. यहीं से ट्रेन अपनी अगली यात्रा के लिए रवाना होती है.
दो छोटे हॉर्न- असल में जब ट्रेन यात्रा के लिए रेडी होती है तब दो छोटे हॉर्न बजाए जाते हैं. इससे मोटरमैन (ड्राइवर) गार्ड को मैसेज देता है कि वह ट्रेन की यात्रा शुरू करने के लिए फाइनल सिग्नल दे. मतलब प्लेटफॉर्म पर घूम रहे यात्री ट्रेन में अपनी सीट पकड़ लें.
तीन छोटे हॉर्न- यह इमरजेंसी में बजाया जाता है. इसका मतलब है कि रेल ड्राइवर इंजन से अपना कंट्रोल खो चुका है. ऐसे में गार्ड को तुरंत वैक्यूम ब्रेक खींचने का मैसेज तीन छोटे हॉर्न से दिया जाता है. इसका इस्तेमाल काफी कम किया जाता है. इसलिए शायद ही आपने सुनी होगी.
चार छोटे हॉर्न- जब ट्रेन में तकनीकी खराबी होती है और ट्रेन आगे नहीं जा सकती है, उस स्थिति में चार छोटे हॉर्न बजाए जाते हैं. शायद आपने ये भी नहीं सुनी होगी.
एक लंबा और एक छोटा हॉर्न- जब ये हॉर्न बजे तो समझें कि ड्राइवर इंजन को शुरू करने से पहले गार्ड को ब्रेक पाइप सिस्टम सेट करने के लिए सिग्नल दे रहा है.
दो लंबे और दो छोटे हॉर्न- ट्रेन ड्राइवर गार्ड को इंजन का कंट्रोल लेने के लिए दो लंबे और दो छोटे हॉर्न बजाता है.
दो बार रुककर हॉर्न- ये हॉर्न रेलवे क्रॉसिंग के पास बजाया जाता है. ये वहां खड़े लोगों को रेलवे लाइन से दूर हटने के संकेत देने के लिए बजाया जाता है.
दो लंबे और एक छोटा हॉर्न- ट्रेन ट्रैक बदलने के लिए ऐसे हॉर्न बजाती है.
दो छोटे और एक लंबा हॉर्न- जब कोई यात्री चेन खींचता है या गार्ड वैक्यूम ब्रेक खींचता है, उस स्थिति में ऐसा हॉर्न सुनाई देता है.
छह बार छोटे हॉर्न- जब ट्रेन किसी मुसीबत में फंसी होती है तब ड्राइवर ऐसे हॉर्न बजाता है.
लगातार बजने वाला हॉर्न- जिस स्टेशन पर ट्रेन ऐसे हॉर्न बजाते हुए आती है तो समझ जाएं कि यह ट्रेन स्टेशन पर नहीं रुकेगी.
इनमें से आपने कितने तरह के हॉर्न पर गौर किया था. हमें कॉमेंट कर बताएं.
वीडियो: तारीख: जब ट्रेन की देरी बनी रेल मंत्री की मौत का कारण!