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'देश पहले शादी बाद में...' दूल्हे ने मॉक ड्रिल के लिए लिया ऐसा फैसला, पूरे बिहार में चर्चा होने लगी

बिहार के पूर्णिया के रहने वाले सुशांत कुशवाहा ने मॉक ड्रिल में हिस्सा लेने के लिए अपनी बारात टाल दी. इलाके में वह चर्चा का विषय बने हुए हैं.

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बिहार के दूल्हे ने मॉक ड्रिल के लिए बारात रोक दी (India Today)

देश के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं? सेना में भर्ती होकर सीमा पर दुश्मनों से लड़ाई लड़ सकते हैं. अफसर बनकर देश और समाज की सेवा कर सकते हैं. पुलिस में जा सकते हैं. नेता बनकर देश के विकास को आकार दे सकते हैं. एक आम आदमी के तौर पर भी आप देश के लिए काफी कुछ कर सकते हैं. लेकिन क्या देश के लिए आप अपनी शादी टाल सकते हैं? बिहार के पूर्णिया के रहने वाले सुशांत कुशवाहा का इस पर जवाब है- ‘हां.’ उन्होंने मॉक ड्रिल में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को अपनी बारात रोक दी. उनका कहना है कि यह तो हमारे देश की परंपरा है. जरूरत पड़ने पर सेना के जवान शादी के मंडप से भी अपनी ड्यूटी निभाने गए हैं. तो ये कौन सी बड़ी बात है कि उन्होंने मॉक ड्रिल के लिए अपनी बरात रोक दी. सुशांत की देशभक्ति इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

पेशे से वकील सुशांत कुशवाहा की 7 मई को शादी थी. इसी दिन को भारत सरकार ने 'ऑपरेशन अभ्यास' के लिए भी तय किया था. ऑपरेशन अभ्यास मतलब मॉक ड्रिल. यानी युद्ध के लिए तैयार होना. ब्लैकआउट, सायरन और हवाई हमलों से खुद को सुरक्षित रखने का अभ्यास. पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान से बीच तनाव चरम पर है. इसे देखते हुए ही गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों में मॉक ड्रिल का आदेश दिया था. सुशांत को पता चला कि पूर्णिया भी उन जिलों में शामिल है, जहां 7 मई को मॉक ड्रिल होनी है. ऐसे में उन्होंने घरवालों को पहले ही बता दिया कि वो पहले मॉक ड्रिल में हिस्सा लेंगे. तब बारात लेकर जाएंगे. 

फिर 7 मई को सुशांत ने यही किया. शाम को 6 बजे उन्हें अपनी बारात लेकर 40 किमी दूर अररिया जिले में जाना था. लेकिन उन्होंने अन्य नागरिकों, आपदाकर्मियों और प्रशासन के साथ पहले मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया. फिर दो घंटे बाद बारात में शामिल हुए. सुशांत को इस बात का गर्व था कि उन्होंने ऐसे अभ्यास में हिस्सा लिया है, जो उनके देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है. 

सुशांत ने कहा,

आज मेरी शादी है. लेकिन यही एक कारण नहीं है जिससे मैं खुश हूं. आज भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर उनके आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. ये गर्व का क्षण है कि मैं इस प्रयास का हिस्सा बन पाया.

सुशांत का मानना था कि उन्होंने कोई बहुत बड़ा काम नहीं किया है. सैनिक अक्सर अपनी शादी का मंडप छोड़कर सीमा पर लड़ने चले जाते हैं. अगर हालात की मांग होगी तो वह ऐसा भी करेंगे. 

बता दें कि 7 मई को देश भर में मॉक ड्रिल होनी थी, लेकिन उससे ठीक एक रात पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया. हालांकि, अगले दिन पूरे देश में मॉक ड्रिल भी की गई.

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