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India और भारत विवाद पर विदेशी मीडिया में क्या-क्या लिखा गया?

संसद के विशेष सत्र, हिंदू राष्ट्रवाद और किसका जिक्र हुआ?

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इंडिया के बदले भारत लिखने पर विवाद जारी (फोटो क्रेडिट- ट्विटर/PTI)

G20 समिट के दौरान डिनर के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से जारी हुए निमंत्रण पत्र पर इंडिया की जगह ‘भारत’ लिखने पर बहस जारी है. इस पर “प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया” के बदले “प्रेजिडेंट ऑफ भारत” लिखा हुआ था. पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोपों की झ़ड़ी लगा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने नाम बदलने की बात को अफवाह बता दिया. इस बीच देश के इस घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की भी नजर चली गई. दुनियाभर के कई मीडिया संस्थानों ने इस पर खबर छापी है. कई संस्थानों ने देश का नाम बदलने के अफवाहों, हिंदू राष्ट्रवाद का दबाव और संसद के विशेष सत्र की चर्चा की है.

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अमेरिकी न्यूज मैगजीन टाइम ने हेडिंग दी है,

"भारत या इंडिया? भारत का नाम बदलने के लिए कुछ हिंदू राष्ट्रवादियों के दबाव पर विवाद"

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टाइम ने इस खबर में लिखा कि G20 के निमंत्रण पत्र में 'भारत' शब्द इस्तेमाल किया गया. ये हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान के दो दिन बाद हुआ. इसमें उन्होंने कहा था कि देश को इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए. टाइम ने अपनी खबर में भारत, इंडिया और हिंदुस्तान शब्दों की शुरुआत के बारे में भी बताया है.

'नाम बदलना हो सकता है सबसे बड़ा कदम'

ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने शीर्षक दिया है- "भारत G20 निमंत्रण पत्र ने इंडिया के नाम बदलने की अफवाहों को हवा दी" 

"जी-20 शिखर सम्मेलन में डिनर के लिए राज्य ने एक निमंत्रण पत्र जारी किया. इसमें भारत के राष्ट्रपति लिखा गया. इसके चलते इन अफवाहों को जोर मिला है कि भारत अपने अंग्रेजी नाम के आधिकारिक इस्तेमाल को बंद कर सकता है."

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गार्डियन ने आगे लिखा,

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भारत के शहरी इलाकों, राजनैतिक संस्थानों और इतिहास की किताबों से अंग्रेज़ी शासन के प्रतीकों को हटाने का काम कर रही है. लेकिन ये अभी तक का सबसे बड़ा कदम हो सकता है."

इसी खबर में आगे कहा गया कि भारत सरकार ने पिछले महीने इंडियन पीनल कोड (IPC) का नाम बदलने की घोषणा की थी. देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इसे गुलामी का प्रतीक बताया था. इसमें आगे सूत्रों के हवालों से ये भी बताया गया कि देश में इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि आने वाले संसद के विशेष सत्र में संविधान में बदलाव भी किया जा सकता है.

‘क्या ‘भारत’ इंडिया की नई पहचान होगी?' 

वहीं बांग्लादेशी अखबार ढाका ट्रिब्यून ने शीर्षक दिया- “क्या भारत इंडिया की नई पहचान होगी?” अखबार ने भारत में नाम के इर्द-गिर्द चल रही बहस का जिक्र किया. साथ ही मोदी सरकार की अंग्रेजी शासन के प्रतीकों को हटाने की बात भी की. पाकिस्तान के अखबार, डॉन ने लिखा कि मोदी ने ‘इंडिया’ को हटाकर देश का आधिकारिक नाम ‘भारत' रखने के लिए कदम उठाया. साथ ही अखबार ने संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने का भी जिक्र किया है. लिखा है कि सरकार ने 18-22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है लेकिन अब तक ये नहीं बताया गया है कि इस सत्र में क्या चर्चा होगी.

वहीं कतर के मीडिया प्लेटफॉर्म अलजजीरा ने अपनी खबर का शीर्षक दिया- “भारत की मोदी सरकार ने G20 के डिनर के लिए निमंत्रण पत्र में देश का नाम बदलकर भारत लिखा”

अलजजीरा ने भारत के लिए इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग शब्दों का इतिहास बताया. साथ ही भारत के नेताओं के बयानों का जिक्र भी किया है. खबर में लिखा गया कि मोदी सरकार भारत के हिन्दू इतिहास को दोबारा लाने के लिए नाम बदलती है.

पहचान पत्र में भी होगा भारतीय अधिकारी

वहीं, अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा,

"भारत के सत्तारूढ़ हिंदू राष्ट्रवादियों ने देश का नाम 'भारत' करने पर जोर दिया"

अखबार ने ‘भारत’ नाम के विवाद के अलावा, इससे पहले जगहों के बदले नामों के बारे में भी लिखा है. ये भी बताया है कि G20 के डिनर के निमंत्रण पत्र के बाद इस समिट में भारतीय अधिकारियों के पहचान पत्र पर भी 'भारत के अधिकारी' (Bharat Official) लिखा जाएगा. इससे पहले इन पर 'इंडियन ऑफिशियल' (Indian Official) लिखा जाता रहा है. 

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