कनाडा (Canada) में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ़ से प्रतिक्रिया आई है. विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कनाडा के सामने विरोध जताया है. साथ ही, कनाडा में भारत विरोधी तत्वों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है कि हमले के पीछे जो भी लोग हैं, उनके ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई की उम्मीद (India demands swift action against temple vandals) है. एडमोंटन के BAPS स्वामीनारायण मंदिर (BAPS Swaminarayan Temple) में हुई तोड़फोड़ पर जब भारत की प्रतिक्रिया मांगी गई, तो जायसवाल ने कहा,
जस्टिन ट्रूडो की सरकार से विदेश मंत्रालय की दो टूक, 'कनाडा में भारत विरोधियों पर एक्शन लीजिए'
MEA spokesperson Randhir Jaiswal ने ये भी कहा कि Canadian PM Justin Trudeau को ऑनलाइन धमकियां देने के लिए दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. लेकिन भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकी देने वालों के मामले में ऐसी कार्रवाई नहीं की गई है.

हम तोड़फोड़ की निंदा करते हैं. हमने इस मसले को कनाडाई अफ़सरों के साथ दिल्ली और ओटावा दोनों जगहों पर मजबूती से उठाया है. हमें उम्मीद है कि स्थानीय अधिकारी ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ तेज़ी से और कड़ी कार्रवाई करेंगे.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए जायसवाल ने कहा कि मंदिरों पर बार-बार हमले हो रहे हैं. जिन उद्देश्यों से इसे अंजाम दिया जाता है, उसे समझना बहुत मुश्किल नहीं है. हालिया दिनों में कनाडा में ऐसी कई घटनाएं दिखी हैं. कार्रवाई ना होने से ऐसे आपराधिक तत्वों का हौसला लगातार बढ़ रहा है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, जायसवाल ने बताया कि इस तरह की हिंसा के लिए ज़िम्मेदार और इसकी वकालत करने वालों को न्याय के कटघरे में लाना चाहिए, नहीं तो कनाडा में कानून के शासन और बहुलतावाद (pluralism) के लिए सम्मान को लगातार कमजोर किया जाएगा.
दरअसल, 22 जुलाई को एडमोंटन स्थित BAPS स्वामीनारायण मंदिर के बाहरी हिस्से पर पीएम मोदी और भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य के ख़िलाफ़ स्प्रे से नारे लिखे गए थे. उन्हें ‘हिंदू आतंकवादी’ और ‘कनाडा के ख़िलाफ़’ (Anti Canada) बताया गया था. इसे कनाडा के मंदिर में तोड़फोड़ की घटनाओं की सीरीज़ में नया मामला बताया गया. इसे लेकर कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर चिंता जताई थी. 23 जुलाई को उन्होंने X पर पोस्ट किया,
बीते कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा के दूसरे जगहों पर हिंदू मंदिरों में नफरती नारे लिखने के साथ तोड़फोड़ की जा रही है. हिंदू-कनाडाई इसे लेकर चिंता में हैं. मैं फिर से कनाडाई कानूनी एजेंसियों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की मांग करता हूं. इससे पहले कि ये बयानबाजी हिंदू-कनाडाई लोगों के ख़िलाफ़ शारीरिक कार्रवाई में तब्दील हो जाए.
ये भी पढ़ें - 'धमकी मिल रही…', कनाडा के हिन्दू मंदिर वालों ने क्या-क्या बताया?
ख़बरें हैं कि कनाडा ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और दूसरे नेताओं को जान से मारने की धमकी देने वाले दो लोगों पर आरोप लगाए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस पर जायसवाल ने कहा,
जब कोई लोकतंत्र कानून के शासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मापने या लागू करने के लिए अलग-अलग मानदंड अपनाता है, तो ये उसके दोहरे मापदंड को उजागर करता है. हम अपने ख़िलाफ़ ख़तरों पर कड़ी और समान स्तर की कार्रवाई देखना चाहेंगे.
जायसवाल ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स के बारे में पता चला है, जिसमें कनाडा ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ऑनलाइन धमकियां देने के लिए दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. लेकिन भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकाने वालों के मामले में ऐसी कार्रवाई नहीं की गई है.
वीडियो: अमित शाह ने निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को क्या सुना दिया?