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तिरंगा जलाया, भारत के खिलाफ नारेबाजी, किसके कहने पर खालिस्तानियों ने कनाडा में काटा बवाल?

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के खिलाफ टोरंटो और ओटावा में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने की मांग की.

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कनाडा में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी खालिस्तान का झंडा लेकर निज्जर के लिए इंसाफ मांगते दिखे (फोटो- रॉयटर्स)

भारत के साथ जारी विवाद के बीच कनाडा में भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तान समर्थकों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया. 25 सितंबर को टोरंटो शहर में करीब 100 प्रदर्शनकारियों ने हिस्सा लिया था. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान लोगों ने भारतीय तिरंगे को जलाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर पर जूते मारते दिखे. इसी तरह पश्चिमी शहर वैंकूवर में भी भारतीय वाणिज्यिक दूतवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया. 

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कनाडा में कई जगहों पर ये प्रदर्शन खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के कहने पर आयोजित हुए थे. ये प्रदर्शन तब हुए, जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर पिछले एक हफ्ते से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है.

निज्जर के लिए इंसाफ की मांग

रॉयटर्स की रिपोर्ट बताती है कि राजधानी ओटावा में भारत के खिलाफ पोस्टर लेकर प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते दिखे. पोस्टर में भारत को "हत्यारा" और "फर्जी लोकतंत्र" बताया गया. ओटावा में भारतीय दूतावास के सामने करीब 100 लोग इकट्ठा हुए थे. खालिस्तान का झंडा लिए निज्जर के लिए इंसाफ मांगते दिखे.

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ओटावा में एक प्रदर्शनकारी रेशमा सिंह बोलिनास ने इस मुद्दे को उठाने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का धन्यवाद किया. रेशमा ने कहा, 

"इस तरह की कायरतापूर्ण हरकत के हम तह तक जाना चाहते हैं. कनाडा को भारत पर दबाव बनाना चाहिए कि आगे निर्दोष व्यक्ति की हत्या ना करे."

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कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान से शुरू हुआ बवाल

जस्टिन ट्रूडो ने पिछले हफ्ते कनाडाई संसद में आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल हो सकते हैं. ट्रूडो ने कहा कि उनके पास खुफिया सबूत हैं. हालांकि भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया. लेकिन इन आरोपों के बाद दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ खुले तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं. ट्रूडो ने कई बार अपने आरोपों को दोहराया, वहीं भारत भी अपने स्टैंड पर कायम है. 

ओटावा में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों का प्रदर्शन (फोटो- The Canadian Press)

इस साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में निज्जर की हत्या हुई थी. 18 जून की सुबह 6 बजे के करीब निज्जर को दो हमलावरों ने गोली मारी थी. वो ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का मुखिया था. भारत सरकार ने निज्जर को साल 2020 में आतंकवादी घोषित किया था.

भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने की मांग

अब ट्रूडो के खुलेआम आरोपों के बाद से कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टोरंटो और ओटावा में कई प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने की मांग की. टोरंटो में प्रदर्शन कर रहे सिख फॉर जस्टिस के एक सदस्य कुलजीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने गंदी रणनीति अपनाई और कनाडा की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ किया.

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इससे पहले सिख फॉर जस्टिस के कनाडा डायरेक्टर जतिंदर सिंह गरेवाल ने रॉयटर्स को बताया था कि उसका संगठन निज्जर की हत्या के खिलाफ टोरंटो, ओटावा और वैंकूवर में प्रदर्शन को लीड करेगा.

साल 2019 में भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगाया था. पिछले कुछ समय से खालिस्तान समर्थक अलग-अलग देशों में जनमत संग्रह कराने की कोशिश करते रहे हैं. इस कोशिश में सिख फॉर जस्टिस का बड़ा हाथ रहा है. इसके संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को भी भारत सरकार ने जुलाई 2020 में UAPA के तहत आतंकवादी घोषित किया था.

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