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IIT छात्र दर्शन सोलंकी के परिवार का आरोप, 'बेटा दलित था इसलिए हुआ उत्पीड़न, ये हत्या है'

IIT बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी की हॉस्टल से गिरकर मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे 'आत्महत्या' बताया, लेकिन मृतक का परिवार इसे 'सुनियोजित हत्या' कह रहा है.

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IIT बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के मामले में दलित ऐंगल आया. (फोटो- इंडिया टुडे)

IIT-बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के पीछे जातिगत भेदभाव का आरोप तूल पकड़ रहा है (IIT Bombay Darshan Solanki Suicide Case). मृतक छात्र के परिवार ने कहा है कि उनके बेटे को दलित होने की वजह से प्रताड़ित किया गया जो बाद में उसकी आत्महत्या का कारण बना. बीती 12 फरवरी को 18 साल के दर्शन सोलंकी की IIT-बॉम्बे के हॉस्टल से गिरकर मौत हो गई थी. तीन महीने पहले ही उसका तकनीकी संस्थान में एडमिशन हुआ था.

पुलिस के मुताबिक दर्शन सोलंकी के पास या उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था. वो इस केस को आकस्मिक मौत के ऐंगल से देख रही थी. लेकिन छात्र से जातिगत भेदभाव होने का आरोप लगने के बाद उसकी मौत को ‘संस्थागत हत्या’ कहा जाने लगा.

क्या बोला दर्शन सोलंकी का परिवार?

दर्शन सोलंकी के परिवार का आरोप है कि उनके बेटे ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसे 'सुनियोजित तरीके से मारा गया' है. परिवार का कहना है कि दर्शन ने अपने साथ हो रहे भेदभाव को लेकर कॉलेज में शिकायत भी दर्ज कराई थी.

इंडिया टुडे से बातचीत में घरवालों ने बताया कि दर्शन सोलंकी कॉलेज में बाकी बच्चों से परेशान था. दर्शन की बहन जाह्नवी ने दावा किया,

शुरुआत में सब कुछ ठीक था. लेकिन जब उन्हें (कॉलेज के दूसरे छात्र) पता चला कि दर्शन SC समुदाय से है तो उसका उत्पीड़न शुरू हो गया. वो आत्महत्या करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था. जब हमने आखिरी बार उससे बात की थी तो वो यहां अहमदाबाद आकर कुछ जगहों पर घूमने का प्लान बना रहा था.

दर्शन के पिता रमेश ने कहा,

ये आत्महत्या बिल्कुल नहीं है. सिर में एक चोट के अलावा कोई चोट नहीं आई है. मैं उससे बात करने वाला आखिरी व्यक्ति था. वो बिल्कुल नॉर्मल था. उसने कहा कि वो जल्द ही अहमदाबाद आएगा. ये एक सुनियोजित हत्या है और सब कुछ कवर किया जा रहा है.

वहीं दर्शन की मां ने कहा,

वो हमारा इकलौता बेटा था. ये साफ तौर पर हत्या का मामला है. हमें निष्पक्ष और जल्दी न्याय चाहिए. जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए.

परिवार ने बताया कि दर्शन ने एक साल की तैयारी के बाद बीटेक कोर्स में दाखिला लिया. उन्होंने बेटे को होनहार छात्र बताया. उसके दसवीं क्लास में 83 फीसद नंबर आए थे. परिजनों ने ये भी कहा कि दर्शन कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकता, बल्कि वो उन लोगों को डांटता था जो आत्महत्या करने के बारे में सोचते हैं. परिवार के सदस्यों का कहना है कि वो बहुत महत्वाकांक्षी था और चार लोगों के परिवार की एकमात्र उम्मीद था.

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