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एक्सीडेंट में पत्नी की मौत, 'साथ जिएंगे साथ मरेंगे' लिखकर पति ने अगले ही दिन दे दी जान

उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक दंपती की मौत का मामला सामने आया है. पत्नी की मौत के एक दिन बाद पति की भी मौत हो गई. पति को उनके घर में मृत पाया गया.

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लगभग 6 महीने पहले ही योगेश और मणिकर्णिका की शादी हुई थी. (सांकेतिक तस्वीर: unsplash)

उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले योगेश कुमार और मणिकर्णिका ने 6 महीने पहले ही शादी की थी. 36 साल के योगेश टीचर थे और 28 साल की मणिकर्णिका नर्स के तौर पर काम करती थीं. 22 अप्रैल को मणिकर्णिका की एक सड़क हादसे में मौत हो गई. अगले दिन 23 अप्रैल को योगेश भी अपने घर में मृत पाए गए. पुलिस के मुताबिक योगेश की मौत सुसाइड से हुई. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को एक नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है, ‘हम साथ जिएंगे और साथ मरेंगे.’

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सोमवार, 22 अप्रैल को सुरसा थाना क्षेत्र के लखनऊ-हरदोई हाईवे पर हुए एक हादसे में मणिकर्णिका की मौत हो गई थी. सुरसा स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) इंद्रेश कुमार यादव ने बताया कि एक अज्ञात गाड़ी ने मणिकर्णिका के स्कूटर को टक्कर मार दी थी. वो टड़ियावां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स थीं. उस दिन वो हेल्थ सेंटर ही जा रही थीं, रास्ते में हादसे का शिकार हो गईं.

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रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय SHO इंद्रेश कुमार यादव ने कहा,

"मणिकर्णिका के ID कार्ड और मोबाइल नंबर की मदद से उनकी पहचान की गई और उनके पति को सूचित किया गया."

योगेश मौके पर पहुंचे और अपनी पत्नी का सामान लेकर घर लौट गए. जानकारी के मुताबिक उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था. 

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मणिकर्णिका के निधन की खबर जब एक पड़ोसी को मिली, तब वो शोक जाहिर करने योगेश से मिलने पहुंचे. उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसलिए पड़ोसी ने दरवाजा तोड़ दिया और अंदर योगेश को मृत पाया. उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी.

इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने योगेश के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा. वहीं घर से एक नोट भी बरामद किया, जिसके आधार पर पुलिस अब तक योगेश की मौत को सुसाइड का मामला बता रही है.

(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं तो आप इस लिंक में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही ज़रूरी है जितना शारीरिक बीमारी का इलाज कराना. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)

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