The Lallantop

अडानी ने हिंडनबर्ग को फिर से जवाब दिया, 413 पन्नों के जवाब में क्या लिखा है?

गौतम अडानी को भी करीब 1.63 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

post-main-image
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप का जवाब (फोटो-इंडिया टुडे)

हाल ही में अमेरिकी निवेश शोध फर्म 'हिंडनबर्ग' ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर व्यापारिक 'धोखाधड़ी' करने के आरोप लगाए थे. अब अडानी ग्रुप ने जवाब में एक नई रिपोर्ट जारी की है (Adani Group Response to Hindenburg). इसमें हिंडनबर्ग के तमाम आरोपों को 'भारत पर हमला' बताया गया है. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप से जो 88 सवाल पूछे थे उनके जवाब भी दिए गए हैं. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘गलत जानकारी और झूठे आरोपों’ के आधार पर बनी है.

बीती 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने 106 पन्नों की रिपोर्ट जारी की थी. इसमें अडानी ग्रुप पर टैक्स हैवन के अनुचित इस्तेमाल और भारी-भरकम कर्ज को लेकर कई सवाल खड़े किए गए. उसी के जवाब में अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों की रिपोर्ट जारी की है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप ने कहा है,

ये रिपोर्ट केवल किसी एक कंपनी पर हमला नहीं है बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, गुणवत्ता और भारत के विकास की कहानी पर सोचा समझा हमला है. सभी आरोप झूठे हैं.

रिपोर्ट आते ही अडानी को घाटा

मंगलवार को रिपोर्ट आई. उसके बाद दो दिन बुधवार और शुक्रवार को ट्रेडिंग सेशन में अडानी की 10 लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 4.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. गौतम अडानी को भी करीब 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर (1.63 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है जो कि उनकी कुल संपत्ति का लगभग पांचवां हिस्सा है.

इस पर अडानी ग्रुप ने लिखा,

ये बेहद चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या नैतिकता के हजारों मील दूर बैठी एक यूनिट के बयानों से हमारे निवेशकों पर गंभीर असर पड़ा है. रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयर्स का अब तक का सबसे बड़ा IPO का काम शुरू करने वाला है.

ये भी पढ़ें- अडानी ग्रुप ने एक साल में क्या-क्या किया, सबकी जांच करेगी SEBI

रिपोर्ट में आगे कहा गया,

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में ढंग से रिसर्च नहीं की गई है. किसी सीक्रेट मोटिव के लिए गलत जानकारी और निराधार आरोपों से जुड़े फैक्ट्स डाले गए हैं. अडानी ग्रुप सभी कानूनों और नियमों का पालन करता है. विडंबना ये है कि पारदर्शिता का दावा करने वाले इस संगठन, इसके कर्मचारियों या इसके निवेशकों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अंत में 88 सवालों के जवाब मांगे गए थे. इस पर अडानी ग्रुप ने लिखा है कि वो ‘निराधार’ आरोपों का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं है. लेकिन पारदर्शिता कायम रखने और झूठी बातों से बचने के लिए हिंडनबर्ग के सवालों के जवाब दे दिए गए हैं.

वीडियो: सुर्खियां: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से मचे हड़कंप के बीच लल्लनटॉप के सवाल, अडानी ग्रुप के जवाब