अरब में ऊंटों का सूसू बॉटल बंद करके बिकता है. क्योंकि इस्लाम में उसको पवित्र माना जाता है. पवित्र किताब हदीस में इसका जिक्र है. कि जब लोग मदीना आए तो वहां के हवा पानी उनको सूट नहीं किए. तब पैगंबर ने उनको इजाजत दी कि ऊंट पालो. उनका दूध पियो. और सूसू का इस्तेमाल करो दवाई की तरह पीने में. तब से ये चलन चल रहा है.
ऊंट का सूसू सप्लाई करने की दूसरी वजह ये भी है कि रेगिस्तान में दूर दूर तक पानी मिलता नहीं. ऊंट वहां का जहाज है. वो ढेर सारा पानी पीकर चलता है. तो उसका सूसू पीना जरूरी हो जाता था. इसकी बाकायदे बॉटलिंग करके सप्लाई होती है. लेकिन ऐसे व्यापारी जो रुपैये में तीन अठन्नी छुट्टा कराते हैं. वो अपना सूसू मिलाकर इसमें भी बेइमानी कर लेते हैं.

Source: Dailiymail