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"होनी को कौन टाल सकता है..." हाथरस भगदड़ पर भोले बाबा का 'उपदेश' पीड़ितों का दर्द बढ़ा ना दे

सूरज पाल ने दावा किया कि 2 जुलाई की घटना के बाद से वे अवसाद से ग्रसित हैं. 2 जुलाई को हाथरस में सूरज पाल के सत्संग के बाद भगदड़ के कारण 121 लोगों की मौत हो गई थी.

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स्वयंभू बाबा सूरज पाल के सत्संग में 121 लोगों की मौत हुई थी. (फाइल फोटो)

हाथरस भगदड़ की घटना पर सत्संग कराने वाले स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ 'भोले बाबा' ने अब एक बेतुका बयान दिया है. इस हादसे को लेकर उन्होंने कहा कि होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है उसे एक दिन तो जाना भी है, भले कोई आगे पीछे हो. सूरज पाल ने दावा किया कि 2 जुलाई की घटना के बाद से वे अवसाद से ग्रसित हैं. 2 जुलाई को हाथरस में सूरज पाल के सत्संग के बाद भगदड़ के कारण 121 लोगों की मौत हो गई थी.

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समाचार एजेंसी PTI ने सूरज पाल के एक बयान का वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में वे दावा कर रहे हैं कि हादसा साजिश के कारण हुआ है. सूरज पाल कहते हैं, 

“हमारे वकील डॉ एपी सिंह जी और हमें भी, जैसा प्रत्यक्षदर्शियों ने विषैले स्प्रे के बारे में बताया, वो पूर्णत्या सत्य है कि कोई ना कोई साजिश जरूर हुई है.”

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सूरज पाल ने कहा है कि उन्हें SIT (विशेष जांच दल) और न्यायिक आयोग पर भरोसा है कि वे साजिशकर्ताओं को बेनकाब करेंगे. उन्होंने बताया कि वे डॉक्टरों की सलाह पर स्वास्थ्य लाभ के लिए फिलहाल अपने गांव बहादुरनगर में हैं. ये गांव कासगंज जिले में आता है. सूरज पाल ने ये भी कहा कि उन्होंने ‘मानव मंगल मिलन सदभावना समागम’ के सदस्यों से अनुरोध किया था कि वे मृतक और घायलों के परिवार के साथ खड़े रहें.

SIT ने किसे जम्मेदार बताया?

पिछले हफ्ते इस मामले में यूपी सरकार ने छह अफसरों को सस्पेंड कर दिया था. ये कार्रवाई SIT की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी. सस्पेंड होने वाले अफसरों में स्थानीय एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत छह अधिकारी शामिल हैं. SIT ने 300 पन्नों की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इसमें भगदड़ के लिए आयोजन कमेटी की लापरवाही को जिम्मेदार बताया गया था. साथ ही प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे. हालांकि इस रिपोर्ट में सूरज पाल उर्फ 'भोले बाबा' का जिक्र तक नहीं था.

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SIT ने अपनी रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान दर्ज किए थे. बताया कि सत्संग आयोजित करने वाली कमेटी ने अनुमति से ज्यादा लोग बुलाए. जिसके लिए उनके पास पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. बताया कि मौके पर अफसरों ने मुआयना तक नहीं किया जिसके कारण ये हादसा हुआ.

घटना में दर्ज FIR में भी अनुमति से ज्यादा लोग बुलाने की बात लिखी गई थी. इसके मुताबिक, कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति मांगी गई थी. जबकि वहां करीब ढाई लाख लोगों की भीड़ पहुंच गई थी. FIR बताती है कि 2 जुलाई को कार्यक्रम खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं ने सूरज पाल की गाड़ी गुजरने के बाद वहां धूल समेटना शुरू कर दिया. इसी दौरान लोगों की बेतहाशा भीड़ एक-दूसरे को कुचलने लगी. इसके कारण कई लोगों ने वहीं पर अपनी जान गंवा दी.

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