बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल का निर्वासन झेलने के बाद गुरुवार, 25 दिसंबर को देश लौट आए. देश लौटते ही सबसे पहले वह अपने समर्थकों से मिलने गए, जो हजारों की तादाद में उनके स्वागत के लिए जमा हुए थे. तारिक रहमान ने समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए लोगों से शांति, एकता और संयम बनाए रखने की अपील की.
कौन हैं 17 साल 'देश निकाला' के बाद बांग्लादेश लौटे तारिक रहमान, जो PM पद के तगड़े दावेदार हैं?
Tarique Rehman 17 साल निर्वासन में बिताने के बाद 25 दिसंबर को Bangladesh लौटे हैं. वापस आने पर उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए समावेशी बांग्लादेश बनाने की अपील की.
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उन्होंने कहा कि यह देश सभी क्षेत्रों और धर्म के लोगों का है. तारिक ने एक समावेशी बांग्लादेश बनाने की अपील की, जिसमें सभी धर्म के लोग सुरक्षित रह सकें. मालूम हो कि बांग्लादेश में बीते कई महीनों से हिंसा की चपेट में है. अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने और उन पर हमला करने के भी कई मामले सामने आए. इस बीच तारिक रहमान का भाषण वापस से शांति बहाल करने के प्रयास के रूप में देखा गया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने भीड़ से अपील करते हुए कहा,
अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर देश का निर्माण करें. यह देश पहाड़ों और मैदानों के लोगों, मुसलमानों, हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों का है. हम एक सुरक्षित बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर महिला, पुरुष और बच्चा घर से निकलकर सुरक्षित घर लौट सके. हम किसी भी राजनीतिक दल के हों, हम किसी भी धर्म में विश्वास करते हों, चाहे हम गैर-पक्षपाती व्यक्ति हों, सभी को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हाथ मिलाना चाहिए.
तारिक रहमान ने लोगों के सामने देश के लिए अपना विजन पेश करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि मेरे पास अपने देश के लोगों और अपने देश के लिए एक योजना है. उन्होंने इस योजना को जन कल्याण, देश के विकास और इसका भाग्य बदलने पर केंद्रित बताया. कहा कि योजना को लागू करने के लिए उन्हें देश के सभी लोगों के समर्थन की जरूरत है. सबके समर्थन से ही इसे साकार करना संभव होगा.
कौन हैं तारिक रहमान?तारिक रहमान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और देश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक BNP के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं. खालिदा जिया अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंदी रही हैं. तारिक पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से लेकर राजनीतिक हिंसा तक के आरोप लगे थे. साल 2006 से 2009 तक बांग्लादेश में एक मिलिट्री समर्थित केयरटेकर सरकार थी. उस दौरान इन मामलों की जांच शुरू हुई और मार्च 2007 में उन्हें ढाका स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था. कुछ महीनों बाद वह जमानत पर रिहा हुए. इसके बाद वह मेडिकल इलाज के लिए यूनाइटेड किंगडम चले गए. तब से वह यूके में एक्साइल यानी निर्वासन में रह रहे हैं.
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साल 2009 में शेख हसीना के बांग्लादेश की सत्ता में आने के बाद भी उन पर मुकदमे चलते रहे और कई मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया. BNP और तारिक ने हमेशा इन मुकदमों को राजनीति से प्रेरित बताया है. 2024 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सत्ता में आई अंतरिम सरकार ने उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों को वापस ले लिया. अब बांग्लादेश के आने वाले आम चुनाव में उन्हें प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है.
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