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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार 200 से ज्यादा घर गिराए, खुद की पार्टी के लोग ही उठाने लगे सवाल

Bengaluru में 200 से अधिक घरों को कर्नाटक सरकार के आदेश के बाद गिरा दिया गया था. इससे सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे जिनमें अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग हैं.

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सिद्धारमैया पर केसी वेणुगोपाल ने सवाल उठाए हैं. (PHOTO-India Today)

कर्नाटक के बेंगलुरु के बाहरी इलाकों में मकानों के ध्वस्तीकरण पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. इस कदम से कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के बीच ही दो धड़े बंटे हुए दिख रहे हैं. विवाद बढ़ता देख पार्टी के सीनियर नेताओं को आकर डैमेज कंट्रोल करना पड़ा. दूसरी तरफ विपक्षी दल भी लगातार कांग्रेस सरकार पर हमला कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 27 दिसंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से येलाहंका के पास कोगिलु गांव से निवासियों को हटाए जाने के मामले पर बात की. इस कदम से स्थानीय लोगों में गुस्सा है और सत्ताधारी पार्टी की तुलना भाजपा वाले राज से की जा रही है. ये पार्टी के लिए काफी असहज करने वाला है. 

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वेणुगोपाल ने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी इस बात से बहुत परेशान है कि यह काम कैसे किया गया? उन्होंने कहा कि ऐसे कामों में बहुत सावधानी, संवेदनशीलता और दया दिखाने की जरूरत है. फैसले लेते समय इंसानी नुकसान को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए. उनके अनुसार, सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ने भरोसा दिलाया कि वे खुद प्रभावित परिवारों से मिलेंगे, शिकायत निवारण सिस्टम बनाएंगे और पुनर्वास और राहत सुनिश्चित करेंगे.

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केसी वेणुगोपाल की एक्स पोस्ट (PHOTO-X)

ये आश्वासन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया और स्थानीय निवासियों के विरोध प्रदर्शनों के बीच आए हैं. SDPI ने सरकार पर बिना उचित विकल्पों के कमजोर परिवारों को विस्थापित करने का आरोप लगाया है. प्रदर्शनकारियों ने बेघर हुए लोगों के लिए तुरंत पुनर्वास, आश्रय और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की मांग की है. वहीं सीएम सिद्धारमैया ने इस एक्शन का बचाव करते हुए कहा कि येलहंका के पास कोगिलु बडावने इलाके की जमीन कचरा फेंकने की जगह थी जो इंसानों के रहने लायक नहीं थी और उस पर कब्जा कर लिया गया था. उन्होंने कहा कि परिवारों को दूसरी जगह जाने के लिए बार-बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिससे उन्हें हटाना जरूरी हो गया था.

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गिराए गए थे 200 से अधिक घर

बीते दिनों बेंगलुरु में 200 से अधिक घरों को कर्नाटक सरकार के आदेश के बाद गिरा दिया गया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इससे सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे जिनमें अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. बड़े पैमाने पर बेदखली की इस कार्रवाई ने सत्ताधारी कांग्रेस और केरल लेफ्ट फ्रंट यूनिट के बीच जबरदस्त जुबानी जंग छेड़ दी थी. इसने पार्टी पर उत्तर भारत के राज्यों में आम तौर पर देखे जाने वाले 'बुलडोजर राज' को सामान्य बनाने का आरोप लगाया है.

22 दिसंबर को सुबह 4 बजे कोगिलु गांव में फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट में घरों को गिराने से लगभग 400 परिवार बेघर हो गए थे. जबकि शहर में पिछले कई सालों की सबसे अधिक ठंड पड़ रही थी. बेंगलुरु सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड (BSWML) द्वारा चलाए गए इस अभियान में 4 JCB और 150 से भी अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे.

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