सड़कों पर गड्ढों के कारण आपने दुर्घटना की खबरें बहुत पढ़ी होंगी. इन गड्ढों के कारण कई लोग जीवन से हाथ धो बैठे हैं. आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं. लेकिन ये गड्ढे कभी किसी की जान बचा सकते हैं, आपने ऐसा सुना है? ऐसा हुआ है. बिलकुल हुआ है. हरियाणा में. एक 80 साल के बुजुर्ग को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था. परिवार वाले एंबुलेंस से घर लेकर जा रहे थे. लेकिन रास्ते में गड्ढे में एंबुलेंस फंस गई. बुजुर्ग को झटका लगा. उनका शरीर हरकत में आया. और अब उनका दोबारा इलाज चल रहा है.
एंबुलेंस से अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे, गड्ढे में झटका लगा और 'मृत व्यक्ति' जिंदा हो गया
80 साल के बुजुर्ग को डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया था.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ये वाकया हरियाणा के करनाल के निसिंग का है. बुजुर्ग व्यक्ति का नाम दर्शन सिंह बराड़ है. उनके शव को पटियाला से करनाल के पास उनके घर ले जाया जा रहा था. घर पर शोक मनाने वाले रिश्तेदार इकट्ठा हुए थे, उनके अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां इकट्ठी की गई थी. दर्शन सिंह के साथ एंबुलेंस में उनके पोते बलदेव भी थे. उन्होंने देखा कि गड्ढे में एंबुलेंस फंसने से झटका लगा और उसी दौरान दर्शन सिंह का हाथ हिला, दिल की धड़कन महसूस होने लगी.
ये देखकर एंबुलेंस ड्राइवर उन्हें पास के अस्पताल लेकर गए. वहां डॉक्टर्स ने दर्शन सिंह को जीवित घोषित कर दिया. अब दर्शन सिंह का करनाल के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, दर्शन सिंह का परिवार जहां रहता है, वो पूरी कॉलोनी उन्हीं के नाम पर रखा गया है. उनकी तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही थी. सीने में इंफेक्शन था. इलाज चल रहा था. वो चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे. 11 जनवरी को डॉक्टर्स ने कह दिया कि उनकी दिल की धड़कन बंद हो गई है और उन्हें मृत घोषित कर दिया.
परिवार वालों के लिए ये घटना किसी 'चमत्कार' से कम नहीं है. और अब वे उनके ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.
खबर पढ़कर कई लोगों को ये 'चमत्कार' लग भी सकता है. लेकिन हम यहां किसी तरह का अंधविश्वास नहीं फैलाना चाहते. हो सकता है कि डॉक्टरों से किसी तरह की गलती हुई हो. और उनको मृत घोषित करने में जल्दबाजी हुई.
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