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भारत को हिंदू राष्ट्र 'बनाने' के लिए आनंद स्वरूप ने पढ़ी हनुमान चालीसा, कहा- 'उत्तराखंड में गैर-हिंदू ना आएं'

मीडिया से बातचीत में आनंद स्वरूप ने बताया कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए ही उनके द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया है. आनंद स्वरूप का नाम अक्सर विवादों में आता रहता है. पिछले साल हरिद्वार में हुए धर्म संसद नाम के कार्यकम के संयोजक भी आनंद स्वरूप ही थे..

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हनुमान चालीसा का पाठ करते आनंद स्वरूप (फोटो: आजतक)

महाराष्ट्र से शुरू हुआ हनुमान चालीसा विवाद अलग-अलग राज्यों से होते हुए अब उत्तराखंड पहुंच गया है. यहां हरिद्वार में शनिवार, 28 मई को शांभवी पीठाधीश्वर और काली सेना के संस्थापक आनंद स्वरूप ने अपने आश्रम में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया. मीडिया से बातचीत में आनंद स्वरूप ने बताया कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए ही उनके द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया है. बता दें कि आनंद स्वरूप का नाम अक्सर विवादों में आता रहता है. पिछले साल हरिद्वार में हुए धर्म संसद नाम के कार्यकम के संयोजक भी आनंद स्वरूप ही थे.

किस लिए किया पाठ 

इंडिया टुडे से जुड़े मुदित अग्रवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, 28 मई को हरिद्वार के जी डी पुरम इलाके में स्थित आनंद स्वरूप के आश्रम में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. पाठ के बाद आनंद स्वरूप ने इस आयोजन का कारण बताते हुए कहा, 

"पुरी के शंकराचार्य महाराज ने आह्वान कर दिया है कि आने वाले तीन सालों में भारत को हिंदू राष्ट्र बना देना है. भारत के बाद नेपाल और भूटान को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाएगा. फिलहाल 15 राष्ट्र हिंदू राष्ट्र बनने के लिए तैयार हैं. हमने हनुमान चालीसा का पाठ इसलिए किया क्योंकि मुझे लगता है कि जिस तरह से राम-रावण युद्ध हुआ और उसमें भगवान हनुमान ने अपनी भूमिका निभाई, आज दोबारा हम सभी सनातनियों को भगवान हनुमान की जरूरत पड़ गई है. जिस तरह से उन्होंने राम को लंका पर विजय दिलाई और सीता को घर वापस लाए, उसी तरह हम उनसे प्रार्थना कर आह्वान करते हैं कि भारत को वापस हिंदू राष्ट्र बनाने की. इस जंग का नेतृत्व भी आप ही संभालिए. भारत सनातन भूमि है, देव भूमि है. इसको इसके मूल स्वरूप में वापस लाइए. साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ और आरती कर हम ये आह्वान करते हैं कि उत्तराखंड देव भूमि है. यह देवभूमि रहे. यहां शराब और मांस न बिके .गैर हिंदुओं का प्रवेश इसमें पूरी तरह से वर्जित किया जाए. यह इसलिए क्योंकि यह देव भूमि है .इस्लाम भूमि नहीं है. अल्लाह भूमि नहीं है, यीशु की भूमि नहीं है."

इसके आगे आनंद स्वरूप ने ये भी कहा कि उत्तराखंड पूरी तरह से देवभूमि है और इसको देवभूमि ही घोषित कर दिया जाए. यह एक पहला राज्य होगा जो हिंदू राज्य होगा और हिंदू राष्ट्र की शुरुआत यहीं से होगी. इसके लिए हम लोगों ने हनुमान चालीसा का  पाठ किया है. अब हर मंगलवार और शनिवार को कहीं ना कहीं पूरे हरिद्वार में पाठ किया जाएगा. धीरे-धीरे पूरे प्रदेश और फिर पूरे देश के कोने-कोने में हनुमान चालीसा का पाठ हो होगा और जब हम हनुमान की बार-बार प्रार्थना करेंगे तो निश्चित रूप से वो प्रकट होंगे. इसी आशा के साथ हम सभी हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. 

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