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अमेरिकी अदालत में निखिल गुप्ता ने कही दिल की बात, बोला- मैंने पन्नू को...

USA की जांच एजेंसियों का आरोप हैं कि Nikhil Gupta ने पन्नू की हत्या के लिए एक 15,000 अमेरिकी डॉलर की सुपारी दी थी. अमेरिकी अधिकारियों का ऐसा भी आरोप है कि निखिल गुप्ता ऐसा एक अनाम भारतीय सरकारी अधिकारी के निर्देश पर काम कर रहे थे.

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पन्नू को अमेरिका में मारने की साज़िश रिपोर्ट हुई थी. (फ़ोटो - सोशल)

‘ख़ालिस्तानी’ नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नू (Gurupatwant Singh Pannun) के ख़िलाफ़ हत्या की कथित साज़िश में शामिल होने के आरोपी निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) ने अमेरिका की एक अदालत में ख़ुद को निर्दोष बताया है. उनका कहना है कि उन पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं.

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पिछले साल, अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर उन्हें चेक रिपब्लिक में गिरफ़्तार किया गया था. पन्नू की हत्या की साज़िश में शामिल होने के आरोप में. सोमवार, 17 जून को ख़बर आई कि उन्हें को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है. उसके बाद उसे न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में पेश किया गया, जहां उन्होंने ख़ुद को निर्दोष बताया. 

पन्नू के पास अमेरिकी और कनाडाई, दोनों नागरिकताएं हैं.

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अमेरिकी संघीय अभियोजकों का आरोप है कि निखिल गुप्ता एक अनाम भारतीय सरकारी अधिकारी के निर्देश पर काम कर रहे थे. हालांकि, भारत ने ऐसे किसी मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और अपने स्तर से आरोपों की जांच भी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें - कौन है निखिल गुप्ता, जिस पर अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाया है?

चेक की संवैधानिक न्यायालय ने पिछले महीने निखिल गुप्ता की प्रत्यर्पण याचिका को ख़ारिज कर दिया था. 

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संघीय अभियोजकों का आरोप है कि गुप्ता ने पन्नू की हत्या के लिए एक 15,000 अमेरिकी डॉलर की सुपारी दी थी. लेकिन निखिल ने अपने वकील के ज़रिए इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन पर ग़लत आरोप लगाए गए हैं.

निखिल गुप्ता के वकील जेफरी चैब्रोवे ने न्यूज़ एजेंसी PTI से कहा है,

ये दोनों देशों के लिए एक जटिल मामला है. ये बेहद ज़रूरी है कि हम प्रक्रिया के शुरुआती दौर में निष्कर्ष पर न पहुंचे. नए तथ्यों को पृष्ठभूमि के साथ पेश किया जाए, तो सरकार के आरोपों को पूरी तरह से नई लाइट में लाया जा सकता है. हम उनके बचाव को सख़्ती से आगे बढ़ाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बाहरी दबावों के बिना उन्हें पूरी उचित प्रक्रिया मिले.

अप्रैल 2024 में वॉशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया था कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के अफ़सर विक्रम यादव इस साज़िश के पीछे हैं, और ये ऑपरेशन तत्कालीन R&AW प्रमुख सामंत गोयल की मंज़ूरी से हुआ था.

गौरतलब है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को ख़ारिज किया था और सार्वजनिक रूप से कहा था कि पन्नू की हत्या की साज़िश की जांच की जा रही है.

वीडियो: पन्नू मामले में अमेरिकी अदालत ने सबूत मांग लिए, इधर PM मोदी ने कौन सी सीक्रेट मीटिंग की?

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