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तीन महीने में दो अमेरिकी खुफिया अधिकारी भारत आए, पन्नू की कथित हत्या के मामले में क्या पता चला?

रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका खुफिया एजेंसी (CIA) के निदेशक विलियम जे. बर्न्स अगस्त में भारत पहुंचे. यहां उन्होंने RAW के प्रमुख रवि सिन्हा से इस मामले की जांच करने को कहा था.

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अमेरिका ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप लगाया था (तस्वीर- सोशल मीडिया)

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या से जुड़ी कथित साजिश के मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं. अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि पन्नू की हत्या की कथित साजिश की बात सामने आने के बाद से बीते तीन महीने में अमेरिका के दो खुफिया अधिकारी भारत का दौरा कर चुके हैं. रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अगस्त में अपनी खुफिया एजेंसी के प्रमुख विलियम बर्न्स को भारत भेजा था. इसके बाद अक्टूबर में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हैन्स ने भी भारत का दौरा किया था. 

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अमेरिका ने दो बार विरोध जताया

पन्नू की हत्या की कथित साजिश का मामला नवंबर के आखिरी सप्ताह से दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले में बीते दिनों सबसे बड़ा खुलासा हुआ है अमेरिका की अटॉर्नी ऑफिस से 29 नवंबर को जारी एक प्रेस रिलीज से. इसके मुताबिक, साल 2023 की शुरुआत में गुरुपतंवत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश रची गई थी. रिलीज के अनुसार, भारत सरकार के एक कर्मचारी ने निखिल गुप्ता के साथ मिलकर अमेरिका की धरती पर एक वकील और एक राजनैतिक कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रची थी. रिलीज में कहीं भी पन्नू का नाम नहीं लिया गया. लेकिन घटनाक्रम को देखते हुए लोगों ने समझा कि वो गुरपतवंत सिंह पन्नू ही है.

इसकी भनक अमेरिका को जब लगी तो उसने भारत के सामने दो बार विरोध जताया. पहली दफ़ा जून 2023 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद. और दूसरी बार सितंबर 2023 में जब G20 समिट में हिस्सा लेने बाइडन भारत आए थे. वाशिगंटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जब अमेरिका के सामने यह बात आई कि भारत सरकार अमेरिकी धरती पर कथित हत्या की साजिश रच रहा है, इससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ने लगा. बाइडन प्रशासन ने मामले की जांच और इसमें शामिल लोगों तक पहुंचने के लिए भारत में अपने दो खुफिया अधिकारियों को भेजा.

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रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार को हत्या की कथित साजिश का पता जून में लगा था. इसके बाद अमेरिका खुफिया एजेंसी (CIA) के निदेशक विलियम जे. बर्न्स अगस्त में भारत पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख रवि सिन्हा से इस मामले की जांच करने को कहा था.

रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा था,

"भारत को हत्या की साजिश से जुड़े मामले की जांच करनी चाहिए और इसमें शामिल लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए. अमेरिका इस बात का आश्वासन चाहता है कि ऐसी हरकत अब दोबारा नहीं होगी.”

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इसके बाद सितंबर में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वाशिंगटन का दौरा किया था. रिपोर्ट कहती है कि यहां अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जयशंकर के सामने इस मुद्दे को उठाया. इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हैन्स ने अक्टूबर में भारत का दौरा किया. वे साजिश के बारे में जानकारी साझा करने के लिए भारत आए थे ताकि इसकी जांच में सहायता मिल सके.

दोनों देश के बीच डायलॉग जारी

फिलहाल, भारत और अमेरिका के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत जारी है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देश बातचीत करते हुए अपनी रणनीतिक साझेदारी बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.

बाइडन प्रशासन ने इस मामले पर एक सधी प्रतिक्रिया जारी की है. इसके मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने हत्या की साजिश को गंभीर मामला बताया है. उम्मीद जताई गई है कि भारत भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोकेगा.

इधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत पहले ही अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच शुरू कर चुका है.

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