पिछले महीने पेश किए गए बजट में अचल संपत्ति पर पूंजीगत लाभ कर (Capital gains tax) में कुछ बदलाव किए गए थे. LTCG टैक्स दर तो कम किया गया था, मगर इंडेक्सेशन भी ख़त्म कर दिया गया था. सरकार के इस क़दम का विरोध हुआ था, क्योंकि स्टेक-होल्डर्स को लगा था कि इससे आने वाले समय में नुक़सान होगा. अब सरकार इसमें वापस बदलाव करने वाली है. टैक्स-पेयर्स और रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए ये राहत की ख़बर है.
बजट 2024 की बड़ी घोषणा को लेकर बैकफ़ुट पर सरकार, टैक्स पेयर्स को राहत मिलने वाली है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार, 7 अगस्त को संसद में टैक्स राहत देने के लिए विधेयक के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव पेश करेंगी.

द मिंट की ख़बर के मुताबिक़, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार, 7 अगस्त को संसद में टैक्स राहत देने के लिए विधेयक के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव पेश करेंगी.
LTCG में क्या बदलाव हुआ था?लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG). किसी भी इन्वेस्टमेंट की बिक्री से मिलने वाला लाभ. माने प्रॉपर्टी की बिक्री के समय के दाम और ख़रीद के समय के दाम में जो अंतर होता है.
आमतौर पर जब भी कोई प्रॉपर्टी ख़रीदी जाती है - जैसे ज़मीन या मकान - तो उसे तुरंत नहीं बेचा जाता. कुछ साल के बाद ही. इसी प्रॉपर्टी को बेचते वक्त चुकाना पड़ता है, LTCG टैक्स.
ये भी पढ़ें - इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए सरकार बड़ी छूट लेकर आई है
बजट 2024-25 से पहले तक प्रॉपर्टी बेचने पर 20 प्रतिशत LTCG टैक्स चुकाना पड़ता था. लेकिन इस बार वित्त मंत्री ने टैक्स कम कर दिया. अब प्रॉपर्टी बेचने पर 12.5 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा. फिर भी कहा गया कि टैक्स रेट कम होने के बावजूद पहले से ज़्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने इंडेक्सेशन ख़त्म कर दिया है. इसने सारा खेल ही बदल दिया है.
फ़र्ज़ कीजिए कि आपने 10 साल पहले कोई प्रॉपर्टी 10 लाख रुपये की ख़रीदी थी और आज आप उसी प्रॉपर्टी को 25 लाख रुपये में बेच रहे हैं. तो पहले इंडेक्सेशन कराया जाता है. यानी आज की तारीख़ में उस प्रॉपर्टी की वैल्यू कितनी है? ये सर्टिफाइड वैल्यूअर करता है. अब मान लीजिए वैल्यूअर उस प्रॉपर्टी की आज की वैल्यू 18 लाख बताता है, तो आपको 25 लाख (बिक्री) में से 18 लाख (मौजूदा वैल्यू) घटा कर 7 लाख रुपये के मुनाफे पर 20 प्रतिशत LTCG टैक्स देना होता था. लेकिन इंडेक्सेशन ख़त्म हो जाने के बाद अगर आप उसी प्रॉपर्टी को बेचते, तो 25 लाख (बिक्री) में 10 लाख (खरीद) घटाकर माने पूरे 15 लाख रुपये पर 12.5 प्रतिशत LTCG टैक्स देना होता है.
ये उदाहरण मात्र है. गौर करने वाली बात ये है कि प्रॉपर्टी के दाम जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, उससे कम टैक्स दर पर भी ग़लत असर पड़ सकता है.
वीडियो: आखिर कौन है मिडिल क्लास, क्या है परिभाषा?