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पहले पीरियड से परेशान होकर लड़की ने आत्महत्या की, मुंबई की इस घटना में हर मां-बाप के लिए सबक

पुलिस ने बताया कि 26 मार्च की शाम को लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उस वक्त घर पर कोई नहीं था. लड़की के पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उसे कांदिवली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया. वहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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पुलिस मामले की जांच कर रही है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)

मुंबई (Mumbai) के मालवणी इलाके में एक 14 साल की लड़की की कथित आत्महत्या से लोग सकते में हैं. खबरों के मुताबिक लड़की को पहली बार पीरियड आया था और वो काफी दर्द में थी. बताया गया कि इससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली (Girl suicide after first period). पुलिस ने बताया कि मृतक लड़की पीरियड की कम और गलत जानकारी के कारण तनाव में थी.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े विजय कुमार यादव की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि 26 मार्च की शाम को लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उस वक्त घर पर कोई नहीं था. लड़की के पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उसे कांदिवली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया. वहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

पुलिस की शुरुआती पूछताछ में मृतक के रिश्तेदारों ने बताया कि पहली बार पीरियड आने से वो परेशान थी. ज्यादा दर्द होने की वजह से वो मानसिक तनाव में भी थी. अखबार के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई कि इसी कारण से लड़की ने अपनी जान ले ली. 

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पुलिस ने कहा है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि पुलिस मृतक के दोस्तों से बात करेगी और उसके मानसिक तनाव के बारे में और अधिक जानने की कोशिश की जाएगी. साथ ही लड़की की ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा. 

और भी कई मामले

पहली बार पीरियड आने के कारण आत्महत्या करने का ये पहला मामला नहीं है. 16 मई 2019 को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 12 साल की एक लड़की ने इसी कारण से आत्महत्या कर ली थी. उसकी बड़ी बहन ने बताया था कि वो पहली बार के पीरियड के दर्द से परेशान थी. 

Periods क्या होता है?

पीरियड या माहवारी महिलाओं में सामान्य और नेचुरल प्रोसेस है. इसमें यूटेरस के अंदर की परत झड़ती है. इसमें खून और टिशू वजाइना से होकर बाहर निकल जाते हैं. इस प्रक्रिया में दर्द, तनाव और मूड स्विंग्स भी हो सकते हैं. आमतौर पर ये महीने में एक बार होता है. वैसे तो ये बिल्कुल ही नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन दर्द या घबराहट ज्यादा होने पर डॉक्टर्स से परामर्श लेना चाहिए.

मुंबई की ये घटना चिंता पैदा करने वाली है. अगर पुलिस की बताई जानकारी सही है तो ये दूसरे अभिभावकों के लिए सबक है कि उन्हें अपनी बेटियों को माहवारी के बारे में शिक्षित करना चाहिए. इसे लेकर परिवार और समाज में खुलकर बात होना बहुत जरूरी है.

(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं तो आप इस लिंक में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही ज़रूरी है जितना शारीरिक बीमारी का इलाज कराना. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)

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