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अडानी-शरद पवार की मुलाकात हुई, कांग्रेस का ये प्लान खतरे में पड़ जाएगा?

शरद पवार और गौतम अडानी के बीच क्या बात हुई?

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शरद पवार से मिले गौतम अडानी (सांकेतिक फोटो: आजतक)

बिजनेसमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) एक जून को NCP के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) से मिलने पहुंचे. अडानी ने शरद पवार से उनके घर सिल्वर ओक में मुलाकात की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी से मुलाकात से पहले पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर आए थे. महाराष्ट्र में दोनों हाई लेवल मुलाकातें उस वक्त हुई हैं, जब उद्धव ठाकरे विदेश दौरे पर गए हैं. मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं.

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मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरद पवार ने गौतम अडानी से अपनी मुलाकात को तकनीकी मुलाकात बताया है. पवार ने मुलाकात को लेकर सूत्रों को जानकारी दी कि सिंगापुर से एक डेलिगेशन उनके पास आया था. वो किसी तकनीकी मुद्दे पर बिजनेसमैन गौतम अडानी से मिलना चाहते था. इस वजह से उनकी और गौतम अडानी की मुलाकात हुई. सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार ने बताया कि ये एक तकनीकी मुद्दा है, जिसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी और समझ नहीं है.

CM शिंदे से भी हुई मुलाकात

इससे पहले NCP चीफ शरद पवार CM शिंदे के आवास ‘वर्षा’ पहुंचे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पवार मराठा मंदिर संस्था के अमृत महोत्सव के एक कार्यक्रम का निमंत्रण देने शिंदे के आवास पहुंचे थे. कार्यक्रम 24 जून को आयोजित होने वाला है. पवार ने एक ट्वीट में लिखा,

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“मराठा मंदिर, मुंबई के अमृत महोत्सव की वर्षगांठ के अवसर पर संगठन एक स्मारक समारोह आयोजित करेगा. आज महाराष्ट्र CM को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करने के लिए उनसे उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की.”

पवार ने आगे बताया कि CM शिंदे से महाराष्ट्र में मराठी फिल्म, नाट्य एवं कला क्षेत्र के कलाकारों व शिल्पकारों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई.

कांग्रेस अडानी मुद्दे को लेकर हमलावर

बता दें कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां गौतम अडानी को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहती हैं. इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक जून को कहा कि अडानी ग्रुप से जुड़े मामले में कांग्रेस पार्टी JPC की मांग संसद के आगामी मानसून सत्र में उठाएगी. रमेश ने कहा था कि इस मुद्दे पर सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं. रमेश ने एक जून को ट्वीट कर जानकारी दी कि कांग्रेस पार्टी ने ‘अडानी महाघोटाले’ पर पिछले तीन महीने में प्रधानमंत्री से 100 सवाल पूछे हैं. उन्होंने लिखा,

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“यह बहुत बड़ा घोटाला है. इस मामले में अभी तक जो जांच हुई है उसका दायरा सीमित है. इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब JPC से ही मिल सकते हैं. क्योंकि सरकार की अगर नीयत साफ नहीं है तो नीति साफ नहीं हो सकती.”

दरअसल, अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से कांग्रेस लगातार इस मुद्दे में JPC से जांच कराने की मांग कर रही है. हालांकि, अडानी समूह ने अपने ऊपर लगे वित्तीय अनियमितता के आरोपों को खारिज किया था. हाल ही में कांग्रेस ने एक इंटरनेशनल ऑडिटर का हवाला देते हुए ये भी दावा किया था कि अगर अडानी समूह की नजर में सब ठीक है, तो किसी स्वतंत्र कमेटी को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया.

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