The Lallantop

छत्तीसगढ़ में अब 'बात-बात' पर मंत्रियों, अफसरों को गार्ड ऑफ ऑनर देना बंद

हालांकि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शहीद पुलिस स्मृति दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस, राजकीय समारोह और पुलिस दीक्षांत समारोहों में गार्ड ऑफ ऑनर की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी.

Advertisement
post-main-image
छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्रियों और सीनियर पुलिस अधिकारियों को नहीं मिलेगा गार्ड ऑफ ऑनर (इंडिया टुडे)

छत्तीसगढ़ सरकार ने 'तंत्र' को 'लोक' के करीब लाने की एक पहल की है. सरकार ने मंत्री, नेताओं और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर (Guard Of Honour) की परंपरा को खत्म कर दिया है. यह व्यवस्था अब राष्ट्रीय और राजकीय आयोजनों तक ही सीमित रहेगी. गृह विभाग ने मौजूदा नियमों में तत्काल प्रभाव से संशोधन करते हुए इसके लिए एक आदेश जारी किया है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

इस आदेश के तहत अब सामान्य दौरों, निरीक्षण और आगमन-प्रस्थान (जिला भ्रमण) के दौरान राज्य के गृहमंत्री, दूसरे मंत्रियों, डीजीपी और सीनियर पुलिस अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाएगा. हालांकि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शहीद पुलिस स्मृति दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस, राजकीय समारोह और पुलिस दीक्षांत समारोहों में गार्ड ऑफ ऑनर की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी.

गृह विभाग के आदेश के मुताबिक, पुलिस फोर्स की कार्यक्षमता बढ़ाने और औपनिवेशिक परंपराओं को समाप्त करने के उद्देश्य से गॉर्ड ऑफ ऑनर से जुड़े नियमों में संशोधन किया गया है. आदेश में कहा गया है कि प्रोटोकॉल के अनुसार संवैधानिक पदों पर आसीन अतिथियों के लिए यह व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी. छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर राज्य के गृह विभाग ने औपनिवेशिक काल से चली आ रही इस व्यवस्था की समीक्षा करके इसमें बदलाव किया.

Advertisement
guard of honour
एक्स

ये भी पढ़ें - कथावाचक को यूपी पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया, सवाल उठे तो गोलमोल जवाब देने लगे

किसे दिया जाता है गार्ड ऑफ ऑनर?

भारत में गार्ड ऑफ ऑनर उन व्यक्तियों को दिया जाता है जो संवैधानिक या आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त पदों पर आसीन होते हैं. इनमें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. आधिकारिक यात्राओं के दौरान विदेशी राष्ट्राध्यक्षों या सरकार प्रमुखों जैसे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.

इसके अलावा सीनियर सैन्य अधिकारियों को कमांड बदलने या रिटायरमेंट परेड जैसे महत्वपूर्ण समारोहों में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है. वहीं सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल और पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के दौरान शहादत देने पर उनके बलिदान के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया जाता है.

Advertisement

वीडियो: तारीख: कहानी उस शहर की जहां आज भी 'सरकार' को सलामी देती है पुलिस

Advertisement