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पंजाब के FB गैंगस्टर डेड बॉडी पर करते हैं भंगड़ा

इनके लिए क्रिमिनल होना स्टेटस सिंबल है. जेल से ही भौकाल मचाते हैं ये लोग.

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फेसबुक पर छोटी ग्रुप
'गैंग्स ऑफ वासेपुर’ देखी है? जहां सरदार खान (मनोज बाजपेयी) हथकड़ी पहने जेल में एंट्री करता है तो दोनों तरफ कैदियों से भरी कोठरियों के बीच गुजरते हुए हुंकार भरता है, ‘सरदार खान नाम है हमारा, बता दीजिएगा सब को.’ फेसबुक पर पंजाब के गैंग्स की 'शो-बाज़ी' कुछ ऐसी ही है. वे भी अपनी क्रिमिनल लाइफ और अपराधों को यूं ही लहरा-लहरा कर दिखाते हैं. अपने फेसबुक स्टेटस से ये पुलिस को ललकारते हैं, जेल से बाहर हो रहे मर्डर पर अपना दावा करते हैं और इनके फेसबुक पेजों को हजारों लोग फॉलो करते हैं. इनके लिए क्राइम दरअसल क्राइम नहीं, पंजाब के अपराध जगत में ऊंचे सोशल स्टेटस का सिंबल है.
जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी पहले गैंगस्टर था फिर राजनेता बन गया. 30 अप्रैल को हिमाचल के परवाणू में उसकी हत्या कर दी गई. कुछ ही मिनटों बाद अलग-अलग गैंग दावा करने लगे कि मर्डर उन्होंने करवाया है. खास ये था कि ऐसा दावा वे जेल में बैठे-बैठे कर रहे थे और वो भी सोशल मीडिया पर स्टेटस अपडेट करके.
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विक्की गौंडर के फेसबुक पर करीब 20 हजार फॉलोवर

इस मर्डर का क्रेडिट लेने वालों में सबसे आगे था विक्की गौंडर. फेसबुक पर उसका एक फैन पेज है और एक अकाउंट. लगभग 20 हज़ार फॉलोअर हैं. रॉकी की हत्या के आधे धंटे बाद ही उसकी लाश की फोटो डाल के विक्की ने घटना की जिम्मेवारी ली. उसने लिखा कि इस हत्या के साथ उसके दोस्त और गैंगस्टर शेरे खुब्बन की मौत का बदला पूरा हो गया है. विक्की ने पंजाबी में पोस्ट किया जिसमें बठिंडा के एसएसपी स्वप्न शर्मा को एड्रेस करते हुए जो लिखा उसका भावार्थ कुछ यूं है, देख लो तुम बड़े दोस्त बनते थे रॉकी के, मैंने उसे मिट्‌टी में मिला दिया.
विक्की के अलावा रणजोध जोधा और दीप संधू जैसे क्रिमिनल्स ने भी कहा कि शेरे खुबान की मौत का बदला लेने के लिए उन लोगों ने रॉकी का मर्डर किया है. विक्की की तरह इन्होंने भी फेसबुक पर ही ये ऐलान किया था. लेकिन इन सबके दावे झूठे निकले. पुलिस ने बीते दिनों तीन लड़कों को पकड़ा. इन तीन में से किसी ने भी फेसबुक पर रॉकी मर्डर का जिम्मा नहीं लिया था.
जेल में बैठे-बैठे ये आपराधिक प्रवृति के लोग अपने आप को ऐसे पेश करते हैं कि क्राइम मार्केट में इनकी वैल्यू बनी रहे. इनका टारगेट फैन बेस भी है. ये फैंस हर पोस्ट पर हज़ारों लाइक्स देते हैं और कमेंट कर इनके हौंसले बुलंद करते हैं. क्राइम को ग्लैमराइज़ करने का ये तरीका पंजाब में बहुत चलन में है.

सुक्खा, जिसे 'शार्प शूटर' कहलाना पसंद था

इस श्रेणी में एक और कुख्यात नाम है सुखबीर सिंह उर्फ सुक्खा काहलवां का. उसने कई डकैतियां डालीं और मर्डर किए. दिखने में वो चार्मिंग सा था. लेकिन खून बहाने में उसे एक सेकेंड भी नहीं लगता था. जून 2012 में अदालत में पेशी पर जाते वक्त सुक्खा फरार हो गया था. नवंबर में उसे फिर गिरफ्तार किया गया. वो अपने आप को शार्प शूटर कहलाना पसंद करता था. फेसबुक पर गैंगस्टर्स में वो सबसे आगे था. जेल से अपनी तस्वीरें अपलोड करता.
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पेशी पर जाता तो इसके यार दोस्त ख्याल रखते कि आते-जाते तस्वीर खींच ली जाए जिससे सुक्खा कालवां शार्प शूटर का नाम प्रमोट होता रहे. अपने व्यक्तित्व की तुलना वो संजय दत की 1993 वाली तस्वीर से भी करता था..
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बात सिर्फ फेसबुक और तस्वीरों पर नहीं रुकी. जेल में अपने साथी कैदियों के साथ मार पिटाई की वीडियो भी फेसबुक और यू-ट्यूब पर वो बड़े फक्र से शेयर करता था.
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Video Courtesy: HT Punjab
लेकिन ये सब रुका  21 जनवरी, 2015 को. पेशी से वापस जाते समय विक्की गौंडर गैंग ने सुक्खा पर गोलियां बरसाई. उसे मार दिया. बदला यहीं पूरा नहीं हुआ. गौंडर गैंग के 15 लोगों ने सुक्खा की डेड बॉडी के सामने भांगड़ा डाला और वीडियो भी बनाया.
ये विक्की वही है जिसने रॉकी मर्डर का स्टेटस फेसबुक पेज पर डाला था. सुक्खा मर चुका है लेकिन उसके 50 से ज्यादा फेसबुक पेजों पर अपडेट अब भी जारी है. 25 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं(जिस पेज को विक्की खुद चलाता था). कभी उसकी पुरानी फोटो को शेयर करने की अपील की जाती है, तो कभी किसी दुश्मन की फोटो डालकर बताया जाता है कि इसे खूब पीटा गया है.
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स्माइलिंग फेस और कुंडी मूछों वाला 'छोटी ग्रुप'

सुक्खा और विक्की गैंग से जुदा एक और ग्रुप है. नाम है छोटी ग्रुप. कोर्ट में पेशी पर जाना इनके लिए मौज, मस्ती, फन, एडवेंचर और एक्साइटमेंट है. इस ‘खुशी’ की फोटो वे फेसबुक पर पोस्ट करते हैं.पेशी पर ले जाते वक्त पुलिस वैन की जालियों से झांकते हुए मुस्कुराते हैं. स्माइलिंग फेस और हथकड़ी वाले हाथ दिखाना इनके लिए स्वैग है. जेल में दोस्त मिलने जाते हैं तो तस्वीर खींचे बगैर बाहर नहीं आते. हट्टे कट्टे और कुंडी मूंछों वाले ये लड़के फेसबुक पर अपने सर्कल में खूब पॉपुलर हैं.
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सुनील भनोट उर्फ छोटी


छोटी ग्रुप में सुनील भनोट (छोटी), रजत शर्मा, सुनवीर सिंह, ओंकार सिंह, दीपक कौशल, धर्मवीर, विशाल, जसविंदर सिंह और केविन सुशांत हैं. इनमें से ज़्यादातर पंजाब युनिवर्सिटी से हैं. पढ़ाई कम, पॉलिटिक्स ज़्यादा की. स्टूडेंट्स ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) पार्टी से इलेक्शन भी लड़े हैं. इन सबमें सुनील भनोट फेसबुक पर सबसे ज़्यादा एक्टिव है. उसके नाम से फेसबुक पेज Chhoti Group चलता है. वो चंडीगढ़ के बुड़ैल गांव का रहने वाला है.
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फरवरी 2013 में इन लड़कों ने एक एडवोकेट का मर्डर कर दिया था. वो मोहाली में रहते थे. साथ वाले पीजी में ये लड़के रहते थे. पार्किंग को लेकर विवाद शुरू हुआ जो मर्डर पर रुका. इन्होंने एडवोकेट अमरप्रीत सिंह सेठी की छाती में दो गोलियां दागी दी. कुछ दिन फरार रहे और फिर पुलिस ने छापा मार पकड़ा. कोर्ट में इन लोगों को दोषी ठहराया जा चुका है.

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अब ये लोग खुद को सेलेब्रिटी की तरह पेश करते हैं. भगत सिंह की फोटो अपलोड करके अपना हीरो बताते हैं. जेल जाने से पहले ये सिर्फ कॉलेज-मोहल्ले के गुंडे थे. अब कोर्ट में भी हाथापाई कर लेते हैं. अखबारों के फ्रंट पेज पर फोटो के साथ खबर छप जाए तो इसे शेयर करते हैं. स्टूडेंट पॉलिटिक्स में दखल देते हैं. दोस्तों की फोटो लगाकर हैप्पी बड्डे विश करते हैं. कुछ महीने पहले इनमें से एक सतवीर की गर्लफ्रेंड ने कोर्ट में अर्जी डाली थी कि उन दोनों को शादी करने की इजाजत दी जाए.
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प्रशासन क्या कर रहा है?

ज़हन में ये सवाल आना जायज़ है. और खास तौर पर तब जब विक्की गौंडर जैसा गैंगस्टर अपनी पोस्ट में बेखौफ होकर भठिंडा के एसएसपी को भी घसीट ले. ADGP जेल एम.के. तिवारी का कहना है कि,
"उन्हें मालूम है कि जेल से फेसबुक चलाया जा रहा है. और इसके लिए बार बार रेड भी मारी जा रही है. लेकिन अभी पता लगाना बाकि है कि इन कैदियों के फोन कौन मुहैया करवा रहा है."