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कौन है पुणे का गैंगस्टर शरद मोहोल, जिसे उसके ही गैंग के लोगों ने गोली मार दी

पुलिस ने गैंगवार की बात से इनकार किया है. कहा है कि ये गैंग के अंदरूनी विवाद का मामला है.

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गैंगस्टर शरद मोहोल की गोली मार कर हत्या (फोटो: फेसबुक)

महाराष्ट्र के पुणे में एक गैंगस्टर शरद मोहोल (Gangster Sharad Mohol) की गोली मार कर हत्या कर दी गई है. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुणे में 5 जनवरी की दोपहर गैंगस्टर शरद मोहोल पर हमला किया गया. कहा जा रहा है कि गैंगस्टर पर उसके ही गैंग के लोगों ने गोली चलाई. पुलिस मामले की जांच कर रही है. एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है.

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गैंगस्टर को तीन गोलियां लगीं

एक पुलिस अधिकारी ने कहा,

“दोपहर करीब 1.30 बजे कोथरुड के सुतरदारा में तीन से चार हमलावरों ने शरद मोहोल पर गोलियां चलाईं. शरद मोहोल को बिल्कुल नजदीक से तीन गोलियां लगीं, जिनमें से दो गोलियां उसके दाहिने कंधे पर लगी और एक गोली सीने में लगी. शरद को तुरंत अस्पताल ले जाया गया.”

40 साल के गैंगस्टर शरद मोहोल की कोथरुड इलाके के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक गैंगस्टर पर हमला करने वालों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं. अधिकारी ने बताया,

“एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है, और गोलीबारी में शामिल बाकी लोगों की पहचान कर ली गई है. बाकी संदिग्धों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं.”

अधिकारी ने गैंगवार से इनकार करते हुए कहा कि हमलावर मोहोल के गैंग के ही हैं. हमले की वजह जमीन और पैसे को लेकर विवाद लगती है. 

शरद मोहोल के खिलाफ दर्ज मामले

शरद मोहोल को एक खूंखार गैंगस्टर माना जाता था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 15 गंभीर अपराधों में शरद मोहोल का नाम है. मोहोल और उसके गुर्गे आलोक भालेराव पर जून 2012 में इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध सदस्य और आतंकी मामले के संदिग्ध कतील सिद्दीकी की यरवदा जेल में गला घोंटकर हत्या करने का आरोप लगाया गया था. मोहोल और भालेराव दोनों को जून 2019 में पुणे की एक कोर्ट ने बरी कर दिया था.

जनवरी 2010 में गैंगस्टर किशोर मारने की हत्या में शरद मोहोल को मुख्य आरोपी बनाया गया था. दत्तवाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज इस हत्या के मामले में अदालत ने शरद मोहोल और छह सहयोगियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. शरद मोहोल ने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था. 2021 में हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी.