चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) ने 16 अक्टूबर को 20वीं पार्टी कॉन्ग्रेस आयोजित की. इस सम्मेलन में प्रशासन के दो टॉप पदों समेत सभी आधिकारिक पदों पर नियुक्ति हुई. भव्य आयोजन था. सम्मेलन में एक क्लिप दिखाई गई. भारत की. दो साल पहले की. गलवान विवाद की क्लिप. केवल दिखाई नहीं गई. बक़ायदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की उपलब्धि के तौर पर दिखाई गई.
शी जिनपिंग की पार्टी का बड़ा सम्मेलन हुआ, गलवान झड़प का वीडियो दिखाया, कहा-चीन जीता!
इस सम्मेलन में शी जिनपिंग ने चीन को सामरिक और आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने की बात कही.

राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आयोजन की जगह, यानी द ग्रेट हॉल में दाख़िल होना था. इससे पहले, दस्तूरन उनके 10 साल के कार्यकाल का हिसाब-किताब (पढ़ें क़सीदे) का एक वीडियो दिखाया गया. इसी वीडियो में एक हिस्सा भारत से भी था. जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच जो हिंसक झड़प हुई थी, इसका वीडियो सभा में दिखाया गया. मीटिंग में गलवान झड़प का हिस्सा रहे चीनी कमांडर ‘की फाबाओ’ को भी बुलाया भी गया था.
शी जिनपिंग शासन ने गलवान झड़प को चीन की जीत के रूप में पेश किया, क्योंकि ख़बरें आई थीं कि संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए और चीन के चार सैनिक मारे गए. हालांकि, चीनी संदेशों के मुताबिक़ कहा गया कि उस संघर्ष में चीन के 43 से 67 सैनिक मारे गए थे.
वीडियो के बाद शी ने भाषण दिया. भाषण में लगातार राष्ट्रपति शी, चीन को सामरिक और आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने की बात करते रहे. ताइवान पर क़ब्ज़ा करने की अपनी पुरानी इच्छा के बारे में भी बात की. मज़े की बात ये है कि शी ने रूस और रूस के यूक्रेनी हमले के बारे में कोई बात ही नहीं की. ग्लोबल एक्स्पर्ट्स का मानना है कि शी के आक्रामक भाषण से लगता नहीं कि वो पूर्वी-लद्दाख से सेना हटाने की कोई मंशा रखते हैं.
इधर, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इस सम्मेलन में गलवान को लेकर किए गए दावे पर भारत की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
क्या चीन में शी जिनपिंग कुर्सी बचाने के लिए मंत्रियों को ठिकाने लगा रहे हैं?