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डीएम राहत सामग्री बांट रहे थे, दीवार भरभराकर गिर पड़ी

बनारस में हादसा, पूरे पूर्वांचल में बाढ़ से हालात हुए खराब.

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वाराणसी के डीएम सुरेंद्र सिंह राहत सामग्री बांटने पहुंचे थे. दीवार के साथ वो भी गिर गए.
उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल इन दिनों बाढ़ की चपेट में है. गंगा, यमुना और घाघरा नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं. प्रयागराज और वाराणसी में पानी शहरों में भर गया है. प्रयागराज के करीब पांच लाख घर ऐसे हैं, जिनमें गंगा-यमुना का पानी भर गया है. एनडीआरएफ की टीमें शहर में राहत और बचाव कर रही हैं. शहर के कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है. वहीं वाराणसी, बलिया और गाज़ीपुर में भी ऐसे ही हालात हैं.
प्रयागराज में गंगा और यमुना में आई बाढ़ की वजह से शहर में पानी भर गया है.
प्रयागराज में गंगा और यमुना में आई बाढ़ की वजह से शहर में पानी भर गया है.

वाराणसी में राहत और बचाव के दौरान डीएम सुरेंद्र सिंह के साथ ही हादसा हो गया. 19 सितंबर को डीएम सुरेंद्र सिंह वाराणसी के कोनिया इलाके में राहत और बचाव का जायजा लेने पहुंचे थे. उनके साथ एनडीआरएफ की टीम भी थी. टीम के लोग नाव में थे. खुद डीएम सुरेंद्र सिंह एक दीवार के सहारे खड़े होकर राहत सामग्री बांट रहे थे. अचानक से दीवार ढह गई और डीएम सुरेंद्र सिंह गिर गए. जब वो गिरे तो उनके ठीक नीचे एनडीआरएफ की नाव थी, जिसमें बैठा जवान दब गया. तुरंत ही डीएम खड़े हुए और जवान को बाहर निकाला, जिसे मामूली चोट आई है.
मिर्जापुर में भी बाढ़ ने तबाही मचा रखी है.
मिर्जापुर में भी बाढ़ ने तबाही मचा रखी है.

पूर्वांचल में गंगा और यमुना के अलावा घाघरा, कर्मनाशा, ताप्ती, वरुणा, शारदा, कर्मनाशा और चंद्रप्रभा जैसी नदियां भी उफान पर हैं. इसकी वजह से मीरजापुर, भदोही, आजमगढ़ और जौनपुर में भी बाढ़ की वजह से लोग बेहाल हैं. इनके अलावा अवध और तराई के जिले जैसे बाराबंकी, सीतापुर, बलरामपुर में भी बाढ़ आ गई है. बुंदेलखंड के इलाकों में यमुना, चंबल और बेतवा नदी में पानी बढ़ने की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

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