2019 में अनुमोल और जिम्मी टिंडर पर मिलते हैं. जिम्मी एक बैंक में काम करता है और मस्त सिंगल लाइफ जी रहा है. वहीं अनु दुबई में रहती है, इसके अलावा हमें उसके बारे में कुछ नहीं पता. एक हफ्ते तक बातचीत के बाद जिम्मी, अनुमोल को शादी के लिए प्रपोज़ कर देता है. इसके बाद वो अपने कज़िन केविन से इस लड़की के बारे में पता करने को कहता है. केविन को हैकिंग का कीड़ा है, ये चीज़ कहीं न कहीं उसकी नौकरी का हिस्सा भी है. बैकग्राउंड चेक करके केविन, जिम्मी को बताता है कि कोई झोल नहीं है. सब कुछ सही जा रहा था कि एक दिन अनु, जिम्मी को वीडियो कॉल करके अपने घाव दिखाती है. उसे किसी ने बुरी तरह पीटा है. जिम्मी अनु के पास पहुंचता है और उसे अपने घर ले आता है. अन-ऑफिशियल लिव-इन. लेकिन एक दिन अनु अचानक गायब हो जाती है. अपना कीबोर्ड पीटकर केविन अनु का पता लगा लेता है. इस दौरान उसे कुछ ऐसा पता चलता है, जिससे तीनों किरदारों की ज़िंदगियों में तूफान आ जाता है. क्या, क्यों और कैसे होता है? इसके लिए आपको ये फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए.

जिम्मी-अनु और उनकी फलती-फूलती प्रेम कहानी.
फिल्म में जिम्मी का रोल किया है 'चोक्ड' वाले रौशन मैथ्यू ने. एक दिलफेंक लड़का, जिसे एक सिंपल सी लड़की है प्रेम हो जाता है. लेकिन उस सिंपल लड़की की कहानी बहुत जटिल है, जिसमें जिम्मी उलझ जाता है. रौशन फिल्म की शुरुआत से हमारे साथ रहते हैं, इसलिए उनके साथ एक कनेक्शन बन जाता है. उनकी गर्लफ्रेंड और रहस्यों की पोटली अनुमोल का किरदार निभाया है दर्शना राजेंद्रन ने. कैमरे पर हंसती-मुस्कुराती लड़की, जिसकी असली कहानी फिल्म शुरू होने के पहले ही घट चुकी है. केविन उसकी कहानी पता लगाता है और अपने साथ हमें और जिम्मी को भी बताता है. केविन बने है फहाद फाज़िल. मलयाली सिनेमा में ऑफ-बीट फिल्मों के बड़े खिलाड़ी. केविन एक ऐसा किरदार है, जिसे कोई भी अपनी सर्किल में नहीं चाहेगा. उसे जबरदस्ती एक गेम का हिस्सा बना दिया जाता है, जिससे उसका जीवन और सोच काफी हद तक प्रभावित होती है. इस किरदार की यात्रा आप इसके चेहरे पर पढ़ सकते हैं. चिढ़, अफसोस, निराशा, गुस्सा और आखिरी में सब कुछ पहले जैसा या उससे बेहतर कर देने की एक कोशिश.

अनु. एक ट्रबल्ड लड़की, जो अपनी जान बचाने के चक्कर में एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश कर देती है.
'सी यू सून' की सबसे अच्छी बात है कि फिल्म शुरू होती है और आप उसकी जद में आ जाते हैं. आपको फिल्म के कॉन्सेप्ट से रूबरू करवाते हुए ये जिम्मी और अनु की लव स्टोरी को एस्टैब्लिश कर देती है. इसके बाद ये इतनी एंगेजिंग हो जाती है कि आप अपने दिमाग में एक के बाद एक फैन थ्योरीज़ गढ़ते और ध्वस्त करत रहते हैं. फिल्म का आइडिया बहुत अलग नहीं है. अभी हाल ही में आईं 'फ्लेश' और 'खुदा हाफिज़' इसी मसले के इर्द-गिर्द बेस्ड थीं. लेकिन उनमें से कोई भी फिल्म-सीरीज़ अपने विषय के साथ इतनी गंभीरता और संवेदनशीलता नहीं बरत पाई थी. ऊपर से 'सी यू सून' स्टोरी के ट्रीटमेंट को लेकर अलग ही लेवल पर चली जाती है. इसमें फिल्म की लंबाई भी बहुत बड़ा रोल प्ले करती है.

जिम्मी का कज़िन केविन. जो समझदार तो है लेकिन काम गर्म दिमाग से लेता है.
फिल्म में डायलॉग्स के नाम पर की-बोर्ड्स की आवाज़ सुनी जा सकती है. क्योंकि इस फिल्म का अधिकतर हिस्सा कंप्यूटर और मोबाइल फोन स्क्रीन पर बीतता है. लोगों के बीच बातें नहीं, चैटें हो रहीं. और ये सबकुछ देखकर हद से ज़्यादा नॉर्मल लगता है. नया लगता है. फिल्म में आपको एक सीन ऐसा नहीं मिलेगा, जो कहानी में कुछ जोड़ ना रहा हो. या कहानी के बहाव को रोक रहा हो. यहां अचानक से कुछ नहीं होता. टेंशन बिल्ड होता चला जाता है. बैकग्राउंड स्कोर इस टेंशन को हम तक पहुंचाता है. फिल्म का म्यूज़िक गोपी सुंदर ने किया है.

अनु, जिसकी ये हालत देखकर जिम्मी उसे अपने पास ले आता है.
'सी यू सून' में एक बड़ी अजीब चीज़ देखने को मिलती है. अनु का किरदार जबरदस्ती प्रॉस्टिट्यूशन के धंधे में धकेल दिया गया है. लेकिन वो अब भी टिंडर चला रही है. वो बिलकुल चला सकती है. मगर जो इंसान इतना परेशान है, सेक्स उसके दिमाग में आने वाली आखिरी चीज़ होगी. क्योंकि वो उसे रोज पता नहीं कितने लोगों के साथ जबरदस्ती करना पड़ रहा. बशर्ते अनु ने अपने टिंडर बायो में 'नॉट हीयर फॉर हुकअप्स' लिख रखा हो. ऐसे में जिम्मी और अनु का फेसबुक, इंस्टाग्राम या ट्विटर के बजाय टिंडर पर मिलना काफी खटकता है. अनु की सच्चाई सामने आने के बाद जिम्मी का रिएक्शन काफी हैरान करने वाला था. क्योंकि हमने जिम्मी को अपने जैसा समझा लेकिन ये तो कुछ अलग ही बात कर रहा है. मगर फिल्म के आखिर में केविन के समझाने पर फौरन जिम्मी का ह्रदय परिवर्तन हो जाता है. ये क्विक ट्रांसफॉरमेशन थोड़ा सा आपका भरोसा डिगाता है लेकिन तब तक आप ये पूरी फिल्म देख चुके होते हैं.

एक घटना जो तीन लोगों की ज़िंदगी पर गहरा प्रभाव डालती है.
'सी यू सून' इस मुश्किल समय में आई बड़ी खास फिल्म है. क्योंकि ये एक ज़रूरी सामाजिक मसले की बात करती है. मगर सोसाइटी के चक्कर में फिल्म अपनी कलात्मकता के साथ समझौता नहीं करती. बढ़िया परफॉरमेंसेज़ से लैस एक मजबूत साइबर थ्रिलर, जिसे आपको देख ही डालना चाहिए.