The Lallantop

जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए अग्निवीर अजय सिंह, परिवार बोला - 'हमारे बेटे को भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए'

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 18 जनवरी को हुए विस्फोट में 23 साल के अग्निवीर अजय सिंह की मौत हो गई. उनके परिवार का कहना है कि उनके बेटे का बलिदान दूसरे सैनिकों के बराबर है, उतना ही सम्मान मिलना चाहिए.

Advertisement
post-main-image
राजौरी के नौशेरा सेक्टर में 18 जनवरी को हुए विस्फोट में 23 साल के अग्निवीर अजय सिंह की मौत. (फोटो: X)

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में जान गंवाने वाले अग्निवीर अजय सिंह (Agniveer Ajay Singh) के पिता का कहना है कि उनके बेटे को भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. राजौरी के नौशेरा सेक्टर में 18 जनवरी को हुए विस्फोट में 23 साल के अग्निवीर अजय सिंह की मौत हो गई. अजय लुधियाना जिले के पायल डिवीजन के रामगढ़ सरदारन गांव के रहने वाले थे.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अजय के पिता चरणजीत सिंह काला दिहाड़ी मजदूर हैं. उनकी मां लक्ष्मी उर्फ मंजीत कौर घरों में साफ-सफाई और खाना बनाने का काम करती हैं. मजदूरी और घर-घर काम कर उनके माता-पिता ने अपने 7 बच्चों का परिवार चलाया है. ये परिवार एक कमरे के घर में रहता है. आर्थिक दिक्कतों का सामना करते हुए अजय साल 2022 में अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए. 

Advertisement

अग्निवीर अजय के पिता ने कहा कि उनके बेटे का बलिदान भी उतने ही सम्मान का हकदार है, जितना देश के लिए शहीद होने वाले दूसरे सैनिकों को दिया जाता है. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,

"उसे (अजय को) भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. हमें देश के लिए उसके बलिदान पर गर्व है लेकिन वह भी उतने ही सम्मान और गौरव का हकदार है, जितना दूसरे सैनिकों को दिया जाता है. जो अग्निवीर नहीं है."

चरणजीत सिंह काला ने बताया कि सरकारी स्कूल से 12वीं पास करने के बाद अजय ने कुछ समय तक मजदूरी की. ये जानने के बावजूद कि अग्निवीरों को दूसरे सैनिकों की तरह लाभ नहीं मिलेगा, फिर भी अजय ने अग्निवीर बनना चुना. अजय का सपना था कि वो सैनिक बने और तमाम चुनौतियों के बावजूद अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुआ.

Advertisement

परिवार की अजय से 18 जनवरी को ही बात हुई थी. अजय ने फरवरी में छुट्टी पर घर आने की बात कही थी. अजय के चाचा बलविंदर सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार अजय के परिवार के लिए कुछ नहीं करती है तो ये नाइंसाफी होगी, क्योंकि इस परिवार ने देश के लिए अपना बेटा खो दिया है. उन्होंने कहा कि इस परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि इसे शब्दों में बयां करना भी मुश्किल है. उनकी एकमात्र उम्मीद उनका बेटा था, वह भी चला गया.

Advertisement