वक़ील अमरजीत सिंह बाएं, जिन्होंने आत्महत्या के पहले एक नोट लिखा और फिर ज़हर पी लिया.
दिल्ली का टिकरी बॉर्डर. यहां पर 27 दिसम्बर को पंजाब के फ़ाज़िल्का जिले के रहने वाले वक़ील ने सरकार की नीतियों और रवैये से नाख़ुश होकर ज़हर पीकर आत्महत्या कर ली. वक़ील का नाम अमरजीत सिंह हैं. उन्हें रोहतक PGI ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इस मौक़े पर अमरजीत सिंह का एक कथित सुसाइड नोट भी सामने आया है. इस पत्र का शीर्षक है : तानाशाह मोदी के नाम पत्र. उन्होंने लिखा,
“भारत के लोगों ने आपको पूर्ण बहुमत, ताक़त और भरोसा दिया ताकि आप उनकी जिंदगी को समृद्ध बनाएं. आज़ादी के बाद लोग एक प्रधानमंत्री के तौर पर आपसे एक बेहतर भविष्य की अपेक्षा कर रहे थे. लेकिन बहुत दुःख के साथ ये लिखना पड़ रहा है कि आप अम्बानी और अडानी के प्रधानमंत्री बन गए. आपके तीन कृषि कानूनों से किसान और मजदूर छला हुआ महसूस कर रहे हैं. लोग सड़कों पर वोटों के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार और पीढ़ियों के लिए उतरे हुए हैं.”
अमरजीत सिंह ने आगे लिखा,
“कुछ पूंजीपतियों के लिए लोगों से उनका निवाला छीनकर उन्हें सल्फ़ास खाने पर मजबूर मत कीजिए. आपने सामाजिक तौर पर जनता को दगा दिया और राजनीतिक रूप से आपने शिरोमणि अकाली दल जैसे अपने सहयोगी दलों के साथ दग़ा किया. सुनिए. लोगों की आवाज़ ईश्वर की आवाज़ है. कहा जाता है कि आपको गोधरा जैसी कुरबानियों की चाह है, तो मैं इस विश्वव्यापी विरोध के समर्थन में अपना बलिदान दे रहा हूं ताकि आपकी गूंगी बहरी चेतना जाग सके.”
इस बारे में इंडिया टुडे की ख़बर बताती है कि पुलिस 18 दिसंबर को लिखे इस कथित नोट को वेरिफ़ाई कर रही है. पुलिस ने ये भी कहा है कि मृत वक़ील के परिजनों को सूचना दे दी गयी है. इसके पहले भी दो लोग दिल्ली की सरहद पर आत्महत्या कर चुके हैं. सिंघु बॉर्डर के पास संत राम सिंह ने ख़ुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. कहा था कि किसानों का दर्द नहीं बर्दाश्त कर पा रहे हैं. इसके अलावा बठिंदा के रहने 22 साल के किसान ने भी दिल्ली के प्रोटेस्ट से लौटते हुए आत्महत्या कर ली थी.