सऊदी अरब के प्रिंस
माजिद बिन अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज 13 अप्रैल 2003 को यानी
14 साल पहले मर चुके हैं. लेकिन इंटरनेशनल मीडिया में उनके बारे में झूठ बोला जा रहा है. कहा जा रहा है कि सऊदी का ये प्रिंस जुए में अपनी 5 बीवियां हार गया. उसकी कुल नौ बीवियां हैं. इसके अलावा प्रिंस छह घंटे के अंदर करीब 22 अरब रुपए भी हार गया. बताया जा रहा है कि वो मिस्र के कसीनो में जुआ खेल रहा था.
ये फर्जी कहानी चल रही है मीडिया में
सऊदी अरब के प्रिंस माजिद बिन अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज ड्रग्स, जुए और शानोशौकत को लेकर पूरी दुनिया में मशहूर हैं. कुछ दिन पहले वो मिस्र के सिनई ग्रैंड कसीनो में पोकर खेलने पहुंचे थे. वहां उन्होंने जुआ खेलना शुरू किया और हारते चले गए. माजिद अपने पास की सारी रकम हार गए. लेकिन उनका खेलना बंद नहीं हुआ. जब पैसे नहीं बचे तो उन्होंने अपनी पांच बीवियों को ही दांव पर लगा दिया. बीवियों को 160 करोड़ रुपए की रकम के बदले दांव पर लगाया. लेकिन जीत न सके. और बीवियां भी हार गए. माजिद को अपनी 9 बीवियों में से पांच को वहीं कसीनो में छोड़कर जाना पड़ा. सऊदी प्रिंस इस कसीनो में करीब एक हफ्ते रुके थे. वह अनलिमिटेड स्टेक्स वाली पोकर टेबल पर खेल रहे थे. कसीनो के डायरेक्टर अली शमून का कहना है कि जब प्रिंस के पास सारी रकम खत्म हो चुकी थी, तब बीवियों को दांव पर लगाया गया. लेकिन वो उन्हें भी हार गए.
इस कसीनो में लोग पैसे के अलावा यहां ऊंट और घोड़े भी दांव पर लगाते हैं, जिन्हें बाद में छुड़ा ले जाते हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी ने अपनी बीवियों को ही दांव पर लगा दिया हो. मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि राजकुमार की इस हरकत से सऊदी सरकार शर्मिंदगी महसूस कर रही है. लेकिन सरकार की तरफ से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है. न ही इस बारे में कोई जानकारी मिली है कि क्या प्रिंस की बीवियों को सऊदी अरब लौटाया जाएगा या नहीं. जबकि मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शोकुरी का कहना है कि उनकी सरकार सऊदी औरतों को उनके देश भेजने के सभी संभव प्रयास करेगी. प्रिंस माजिद बिन अब्दुल्लाह इससे पहले भी कई मामलों में विवादों में रह चुके हैं. 2015 में उन पर अपने पुरुष सहयोगी के साथ सेक्स करने का इल्ज़ाम लगा था.

तो मियां बात ऐसी है कि अब ये फर्जी खबर भारत में भी आ गई. बिना किसी जांच पड़ताल के कई वेबसाइट इस खबर को लगा रही हैं. और तो और एक अख़बार ने तो अपने पहले पन्ने पर एंकर रिपोर्ट ही छाप दी. खबर के ज़रिये दिखाया जा रहा है कि सऊदी अरब में किस तरह औरतों पर ज़ुल्म होता है.

ये फर्जी खबर पाकिस्तानी उर्दू मीडिया में भी चल रही है. पाकिस्तनी मूल की जर्नलिस्ट हैं शमा जुनेजो. उन्होंने भी ये खबर मज़े लेते हुए शेयर कर दी.

कांग्रेसी नेता
शशि थरूर ने भी इस फेक न्यूज़ को ट्विटर पर शेयर कर दिया था. जब लोगों ने उनको ट्विटर पर बताया कि ये फर्जी है तो बाद में ट्वीट डिलीट कर दिया गया.

एक मुस्लिम देश में औरतों पर हो रहे अत्याचार के इस किस्से को खूब शेयर किया जा रहा है, लेकिन असल में ये गलत खबर है. माने खबर ही नहीं. ये एक सैटायर वेबसाइट
वर्ल्ड डेली न्यूज़ डॉट कॉम पर लगी है. इसे शेयर करने वालों और इसकी कतरन अपनी वेबसाइट/अखबार पर लगाने वालों ने बिना इस खबर की तस्दीक किए इसे छाप दिया. इस साइट पर इसी तरह की सनसनीखेज सैटायर लिखे जाते हैं, जिनकी प्रस्तुति एकदम खबर की तरह होती है.
गलती भी है, गफलत भी इस आर्टिकल को छापने वालों से ये गलती इसलिए हुई कि इस साइट बिलकुल असल न्यूज़ वेबसाइट की तरह दिखती है. कहीं भी ये नज़र नहीं आता कि ये वेबसाइट सैटायर छापती है. इसके
डिस्क्लेमर सेक्शन में बहुत नीचे जाकर ही एक पैराग्राफ मिलता है जिसमें ये बात लिखी है कि साइट अपने पेज पर लगने वाली ‘खबरों’ की कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है. पढ़ने वाले स्वयं इस बात का ध्यान रखें कि वो एक सैटायर पढ़ रहे हैं.

लेकिन इस फर्जी खबर के बारे में अगर किसी ने सिर्फ सऊदी अरब के इस प्रिंस का नाम गूगल कर लिया होता तो उसे पता चल जाता कि जिसके बारे में खबर लिखने जा रहे हैं वो प्रिंस तो इस दुनिया में है ही नहीं. फिर उसकी गैर मौजूदगी में बीवियां हारने का सवाल ही नहीं. वो भी पांच.
नोट : इस खबर को शेयर करिए ताकि उन वेबसाइट तक सच पहुंच सके जो ये फर्जी खबर चला रही हैं.