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मुंबई पुलिस अधिकारी ने कहा, 'सुशांत के जीजा चाहते थे कि रिया को थाने लाकर थप्पड़ मारा जाए'

कई सारे स्क्रीनशॉट्स सामने आने के बाद ज़ोन-9 के पूर्व DCP ने बताया.

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सुशांत के परिवार ने रिया के ऊपर 'सुसाइड के लिए उकसाने' के आरोप लगाए हैं. (फोटो- इंस्टाग्राम- sushantsinghrajput/rhea_chakraborty)

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के केस में आए दिन नई-नई बातें सामने आ रही हैं. हाल ही में सुशांत से जुड़े कुछ वॉट्सऐप मैसेजेस के स्क्रीनशॉट भी सामने आए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये स्क्रीनशॉट्स सुशांत के जीजा और IPS अफसर ओ.पी. सिंह और मुंबई पुलिस के एक अधिकारी परमजीत सिंह दहिया के बीच हुई बातचीत के हैं. ये बातचीत दोनों के बीच इस साल फरवरी में हुई थी. उस वक्त परमजीत ज़ोन-9 के DCP थे.

क्या कहना है सुशांत के परिवार का?

'इंडिया टुडे' को मिले स्क्रीनशॉट्स के मुताबिक, ओपी सिंह फरवरी में मुंबई आए थे. उन्होंने सुशांत से कॉन्टैक्ट करने के लिए मुंबई पुलिस की मदद मांगी थी, क्योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस वक्त सुशांत अपने परिवार के साथ संपर्क में नहीं थे. ओपी सिंह ने परमजीत सिंह से मैसेज में कहा था,

"मैं चाहता हूं कि बांद्रा थाने के SHO सुशांत के मैनेजर सिद्धार्थ पिथानी, जो दिल्ली कॉलेज से ग्रेजुएट हैं और सुशांत के क्लासमेट हैं, उनसे कनेक्ट करें. और उन्हें हमारे मुंबई ट्रेवल और लैंड्स-एंड में स्टे के बारे में जानकारी दें."

इन स्क्रीनशॉट्स के सामने आने के पहले ही सुशांत के परिवार ने मुंबई पुलिस के ऊपर एक्शन न लेने के आरोप लगाए थे. परिवार ने कहा था कि 25 फरवरी को ही बांद्रा पुलिस को शिकायत की थी कि सुशांत की जान खतरे में है, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. इन आरोपों के बाद ये स्क्रीनशॉट्स सामने आए.

इस पर DCP क्या कहते हैं?

इस मुद्दे पर इंडिया टुडे ने ज़ोन-9 के पूर्व DCP परमजीत सिंह दहिया से बात की. उन्होंने इस मामले में अलग ही बात कही. उन्होंने कहा,

"ओपी सिंह हरियाणा कैडर के सीनियर IPS अधिकारी हैं. मैं भी हरियाणा का ही हूं. मेरे एक बैचमेट ने फरवरी के पहले हफ्ते मुझे कॉल किया और बताया कि 'सर (ओपी सिंह) अपने परिवार के साथ मुंबई आ रहे हैं, और वो आपको कॉल करेंगे.' फिर वॉट्सऐप पर हमने उनसे कॉन्टैक्ट किया. वो बेसिकली कुछ प्रोटोकॉल पर मदद चाहते थे, जैसे एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव किया जाए, होटल और होटल बिल से जुड़ी मदद. वगैरह. वो सचिन तेंदुलकर से भी मिलना चाहते थे. वो तीन-चार दिन तक यहां रहे. फिर चले गए. फिर उन्होंने थैंक्यू मैसेज भी किया. कहा कि उनका स्टे काफी बढ़िया रहा."

परमजीत सिंह ने बताया कि ओपी सिंह के स्टे के दौरान उनकी मुलाकात उनसे पर्सनली नहीं हुई. जो भी बातचीत हुई वो मैसेज या फोन पर ही हुई. उन्होंने आगे कहा,

"इस स्टे के दौरान एक हैरान करने वाली रिक्वेस्ट उन्होंने की. उन्होंने मुझसे कहा कि बांद्रा पुलिस थाने के SHO सुशांत सिंह राजपूत के मैनेजर को कॉन्टैक्ट करें और बताएं कि वो मुंबई आ रहे हैं. अब ये बात एकदम करीबी रिश्तेदार, मतलब जीजा कर रहे थे. ये हैरानी भरा लगा. लेकिन फिर भी मैंने उनसे कोई सवाल नहीं किया."

जब ज़ोन-9 के पूर्व DCP से सवाल किया गया कि जो स्क्रीनशॉट्स सामने आए हैं, जिनमें सुशांत का परिवार रिया के ऊपर गंभीर आरोप लगाते दिख रहा है, उस पर उनका क्या कहना है. इसके जवाब में DCP ने कहा,

"जो वॉट्सऐप मैसेज अभी लीक हुए हैं, वो 19 और 20 फरवरी के हैं. मुझे वो मैसेज मिले थे. ये वो मैसेज थे जो कथित तौर पर ये बता रहे थे कि सुशांत और उनकी लिव-इन पार्टनर के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. और परिवार उस लड़की (रिया) को लेकर चिंता में थी. उन्होंने (ओपी सिंह) कहा था कि उस लड़की (रिया) को अनौपचारिक रूप से बांद्रा पुलिस थाने लाया जाए और उस पर परिवार (सुशांत के परिवार) की बात मानने का दबाव बनाया जाए, उसे झापड़ मारा जाए, ताकि वो परिवार की बात मान ले. अगर आप देखोगे तो एक वॉट्सऐप चैट में उन्होंने मिरांडा नाम के एक लड़के का भी नाम लिया है, उसे भी एक दिन की पुलिस कस्टडी में रखने को कहा था. मैं किसी को बिना FIR दर्ज किए या फिर बिना लिखित शिकायत के कस्टडी में कैसे रख सकता हूं. मैं ये नहीं कर सकता."

परमजीत सिंह ने आगे कहा कि ओपी सिंह को ये बता दिया गया था कि वॉट्सऐप मैसेज के आधार पर किसी महिला को पुलिस स्टेशन नहीं बुलाया जा सकता, इसलिए अगर एक्शन लेना है, तो लिखित शिकायत करनी होगी. परमजीत सिंह ने आगे कहा,

"विनम्र, लेकिन दृढ़ तरीके से ओपी सिंह को सूचना दे दी गई थी कि लिखित शिकायत की ज़रूरत है. टेलीफोन पर हुई बातचीत में सूचना दी गई थी. वो खुद सीनियर IPS अधिकारी हैं, उन्हें कानून की समझ है. तो ये साफ था कि बिना लिखित शिकायत के मैं एक्शन नहीं लेने वाला था."

आगे परमजीत सिंह ने बताया कि न तो DCP ऑफिस में, न बांद्रा पुलिस थाने में कोई शिकायत या फिर ईमेल नहीं आया. आगे ये भी कहा कि मार्च, अप्रैल और मई में ओपी सिंह और उनके बीच कोई वॉट्सऐप मैसेज भी नहीं किए गए.

1 अप्रैल को परमजीत सिंह का ज़ोन-9 से ट्रांसफर हो गया था. ज़ोन-9 के तहत मुंबई के बांद्रा, अंधेरी, वर्सोवा, खार, सांता क्रूज़, जुहू और ओशिवारा जैसे इलाके आते हैं. सुशांत भी बांद्रा में रहते थे, जो बांद्रा पुलिस थाने के तहत आता था.


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