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"मम्मी-पापा मुझे वोट न दें तो खाना मत खाना", एकनाथ शिंदे के विधायक की स्कूली बच्चों को सलाह

विधायक संतोष बांगर ने छात्रों से ये भी कहा कि अगर उनके माता-पिता खाना ना खाने पर सवाल करें तो कह देना कि पहले आप संतोष बांगर को वोट करिए, तभी हम खाना खाएंगे.

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ये विधायक संतोष बांगर हैं, जो एक स्कूल में दिए अपने बयान के कारण विवादों में हैं. (फाइल फोटो: आजतक)

"बच्चों, अगर आपके मम्मी-पापा अगले चुनाव में मुझे वोट नहीं देते हैं तो तुम लोग 2 दिन तक खाना मत खाना."

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के संतोष बांगर ने एक कार्यक्रम के दौरान ये बयान दिया है, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है. 

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इंडिया टुडे से जुड़े देव कोटक की रिपोर्ट के मुताबिक कलमनुरी से विधायक संतोष बांगर महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के जिला परिषद स्कूल के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. यहां उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए ये बयान दिया. संबोधन के दौरान उन्होंने छात्रों से कहा कि ये बात जाकर अपने अभिभावकों को भी बता दें. उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर उनके माता-पिता खाना ना खाने पर सवाल करते हैं तो उनसे कहना कि आप संतोष बांगर को वोट करिए, तभी हम खाना खाएंगे.

बांगर पहले भी ऐसे विवादित बयान देते रहे हैं. पिछले महीने उन्होंने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी 2024 में फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं तो बांगर खुद को फांसी लगा लेंगे.

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विपक्ष ने क्या कहा?

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस और शरद पवार की NCP ने संतोष बांगर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. NCP (शरद पवार) प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो विधायक ने बयान का विरोध करते हुए कहा कि संतोष बांगर का ये बयान चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में होने की वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है. इधर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भी संतोष बांगर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले ही हफ्ते चुनाव में बच्चों के किसी भी तरह से शामिल ना करने के निर्देश जारी किए थे. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक चुनाव प्रचार में वोट के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना मना है. ये बाल मजदूरी अधिनियम 1986 के खिलाफ है.

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