“सुशांत सिंह राजपूत की ऑटोप्सी रिपोर्ट पर टाइम स्टैंम्प (घटना का वक्त) नहीं है. ऐसे में पुलिस को डॉक्टरों से बात करनी चाहिए थी. लेकिन ये भी नहीं हुआ. मुझे 23 अगस्त तक इस केस की फाइल्स मिल जाएंगी. रिपोर्ट्स देखने में 3-4 दिन लग सकते हैं. फिर 27 अगस्त को मैं और मेरी टीम मुंबई भी पहुंच रही है.”डॉ गुप्ता ने बताया कि ऑटोप्सी रिपोर्ट पर टाइम का न होना एक कड़वा सच है. ये ज़रूर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे सीबीआई और डॉक्टरों से बात करेंगे, तभी कुछ बता पाएंगे. इसके अलावा सुशांत केस में अपडेट ये है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब जांच सीबीआई के पास है. हालांकि ऐसे में ये भी जानना रोचक होगा कि ऐसे मामलों में उसका सक्सेस रेट क्या है. सभी तरह के मामलों को मिला दें तो सीबीआई का स्ट्राइक रेट 65-70 फीसदी रहा है. मतलब, 100 में से 65-70 मामलों में सीबीआई आरोपी तक पहुंची है, और उसे सज़ा दिलवाई है. लेकिन, सुसाइड के मामलों में सीबीआई का सक्सेस रेट ज़ीरो है. अब देश की टॉप एजेंसी सीबीआई इस हाई प्रोफाइल केस को किस तरह सुलझाएगी, ये देखने वाली बात होगी.
क्या राजनीति के पार जा पाएगी सुशांत सिंह राजपूत केस की CBI जांच?














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