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कल ECI देशभर में SIR की तारीख की घोषणा कर सकता है, पहले चरण में 10-15 राज्य होंगे शामिल

Election Commission Pan-India SIR: संभावना है कि चुनाव आयोग SIR के पहले चरण की घोषणा कर सकता. इसमें 10 से 15 राज्य शामिल हो सकते हैं, जिनमें 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले राज्य भी शामिल होंगे.

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चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू, CEC ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. विनीत जोशी(बाएं से दाएं). (फोटो- PTI)

केंद्रीय निर्वाचन आयोग सोमवार, 27 अक्टूबर को कुछ राज्यों में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करने की घोषणा कर सकता है. बताया जा रहा है कि ब्रीफिंग शाम 4.15 बजे होगी. इसकी अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा किए जाने की संभावना है. कहा जा रहा है कि पहले फेज़ में उन राज्यों को शामिल किया जाएगा, जहां अगले साल चुनाव होने हैं.

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हालांकि, चुनाव आयोग के मीडिया आमंत्रण में इसका स्पष्ट जिक्र नहीं किया गया था. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से पुष्टि की गई कि प्रेस कॉन्फ्रेंस SIR कार्यक्रम पर केंद्रित होगी.

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चुनाव आयोग का मीडिया इनवाइट.

हालांकि, अभी पूरी जानकारी जारी नहीं की गई है. लेकिन संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग SIR के पहले चरण की घोषणा करेगा. इसमें 10 से 15 राज्य शामिल हो सकते हैं, जिनमें 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले राज्य भी शामिल होंगे. मसलन, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी. 

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बिहार में हाल ही में वोटर लिस्ट अपडेट का काम पूरा किया गया है. राज्य में 30 सितंबर तक लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है. राज्य में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है. नतीजा 14 नवंबर को आएगा.

बताया जाता है कि चुनाव आयोग ने SIR को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEC) के साथ पहले ही दो सम्मेलन आयोजित कर लिए हैं. जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं या होने वाले हैं, वहां वोटर लिस्ट रिवीजन का काम बाद के चरणों के लिए टाल दिया जाएगा. क्योंकि चुनाव प्रक्रिया व्यस्त है.

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बिहार में चल रहे SIR का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था. सुनवाई कर रही जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमल्या बागची की बेंच ने इस पर इलेक्शन कमीशन से जवाब मांगा. जवाब में इलेक्शन कमीशन ने एक एफिडेविट दाखिल किया. इसमें साफ कहा गया कि मुसलमानों के नाम काटे जाने के दावे झूठे और सांप्रदायिक हैं. ये सिर्फ SIR को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश है.

हालांकि, अंत में सुप्रीम कोर्ट ने भी इलेक्शन कमीशन के जवाब को नोट किया और कहा कि उन्हें इस बात पर कोई शक नहीं है कि इलेक्शन कमीशन ने अपना काम पूरी जिम्मेदारी से किया होगा.

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