अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का ताजा बयान एक बार फिर भारत की टेंशन बढ़ा सकता है. डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह रूस के व्यापार करने वाले देशों पर 500% तक का टैरिफ लगाने वाले विधेयक का समर्थन करेंगे. विधेयक को अमेरिकी सीनेट से मंजूरी अभी मिलनी बाकी है. लेकिन इस बीच ट्रंप के बयान ने चीन और भारत जैसे देशों की चिंता बढ़ा दी है, जो रूस के अहम ट्रेडिंग पार्टनर हैं.
रूस से व्यापार पर 500% टैरिफ, US की संसद में आ रहा ये बिल ट्रंप को खुली छूट दे देगा
Trump on Sanctioning Russia Bill: यह विधेयक सीधे तौर पर चीन और भारत जैसे देशों को टार्गेट करेगा, जो रूस के एनर्जी यानी ऊर्जा से जुड़े प्रोडक्ट्स खरीदते हैं. ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस ने यूक्रेन में अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं. वहीं यूक्रेन ने रूस के तेल से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि रिपब्लिकन एक ऐसा कानून बना रहे हैं, जो रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश पर बहुत कड़े प्रतिबंध लगाएगा. उन्होंने कहा कि सीनेट में वह इस बिल का समर्थन करेंगे. ट्रंप ने इस बात के भी संकेत दिए कि वह प्रतिबंध में ईरान को भी शामिल कर सकते हैं. इससे पहले सीनेट के मेजॉरिटी लीडर जॉन थून ने अक्टूबर में कहा था कि वह इस विधेयक को वोट के लिए लाने को तैयार हैं.
रूस-यूक्रेन के बीच हमले तेजब्लूमबर्ग के अनुसार, यह विधेयक ट्रम्प को अधिकार देगा कि जो देश रूस से तेल या गैस खरीदते हैं, उन पर 500% तक टैरिफ लगा सकें. यह सीधे तौर पर चीन और भारत जैसे देशों को टार्गेट करेगा, जो रूस के एनर्जी यानी ऊर्जा से जुड़े प्रोडक्ट्स खरीदते हैं. इंडिया टुडे के के मुताबिक विधेयक पर ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस ने पूर्वी यूक्रेन के पोक्रोवस्क रेलवे हब पर कब्जे के प्रयास तेज कर दिए हैं. पूरे यूक्रेन में रूस के हवाई हमले भी जारी हैं. वहीं यूक्रेन ने रूस के तेल से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है.
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रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की दोनों प्रमुख पार्टियों, डेमोक्रेट और रिपब्लिकन ने रूस पर कड़े सैंक्शन लगाने की मांग की है. हालांकि ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को शांति वार्ता की बातचीत के लिए एक टेबल पर लाने की कोशिश की थी. इस वजह से उन्होंने नए प्रतिबंधों को टाल दिया था. लेकिन चूंकि अब दोनों देशों के बीच शांति वार्ता आगे बढ़ती नहीं दिख रही है, बल्कि हमले और तेज हो रहे हैं. ऐसे में ट्रंप अब प्रतिबंधों को और कड़ा कर सकते हैं. इससे पहले हाल ही में अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाया था. इसकी वजह से भारत में भी रूस का तेल इम्पोर्ट बीते कुछ हफ्तों में घटा है.
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