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भारत-पाक संघर्ष समेत इन 5 मुद्दों पर ट्रंप ने UNGA में झूठ बोला? खुद अमेरिकी मीडिया ने फैक्ट चेक किया

Donald Trump ने UNGA में India-Pakistan के बीच सीजफायर का क्रेडिट लिया और कहा कि जो काम संयुक्त राष्ट्र को करना चाहिए था, वो उन्हें करना पड़ा. इस पर अमेरिकी मीडिया ने उनके कई दावों की पोल खोल दी.

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अमेरिकी मीडिया ने ट्रंप के दावों की पोल खोल दी (फोटो: इंडिया टुडे)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक बार फिर इस दावे को दोहराया कि उन्होंने दुनिया भर में चल रहे सात युद्ध रुकवाए. इस दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का भी क्रेडिट लिया और कहा कि यह बहुत बुरा है कि जो काम संयुक्त राष्ट्र को करना चाहिए था, वो उन्हें करना पड़ा. जबकि ट्रंप के बोलने के लिए 15 मिनट तय थे, उन्होंने करीब 56 मिनट शेखी बघारी. दावे तो कई किए. संयुक्त राष्ट्र के अस्तित्व और उद्देश्य पर भी सवाल उठाया, लेकिन अमेरिकी मीडिया ने उनके दावों की पोल खोल दी.

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पहला दावा: भारत-पाक युद्ध रुकवाया

नोबेल पुरस्कार के भूखे, ‘आत्ममुग्ध’ ट्रंप, दुनिया भर में चल रहे संघर्षों को हल करने में अपनी भूमिका बताते नहीं थकते. अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने UNGA की स्पीच के दौरान ट्रंप के दावों का फैक्ट चेक किया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने का श्रेय ट्रंप कई बार ले चुके हैं. UNGA के मंच से जिन सात युद्धों को रुकवाने या खत्म करवाने का दावा उन्होंने किया, उसमें भारत और पाकिस्तान का नाम भी शामिल है. इस पर अखबार ने लिखा,

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भारत का कहना है कि उसने सीधे पाकिस्तान के साथ लड़ाई खत्म करने के लिए बातचीत की थी. भारत का दावा है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत के सैन्य हमलों के दबाव की वजह से सीजफायर की मांग की थी. हालांकि, पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है और संघर्ष खत्म करने में मदद के लिए ट्रंप का आभार जताया. 

अखबार ने आगे लिखा कि इन अलग-अलग बयानों के वजह से वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंध खराब हुए हैं, जिसका असर ट्रंप के ट्रेड वॉर में भी देखने को मिल रहा है.

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इसी तरह UNGA में अपने संबोधन के दौरान, ट्रंप ने कई ‘झूठ’ बोले. जिसका फैक्ट चेक NYT ने किया.

- ट्रंप ने दावा किया कि लंदन के मेयर सादिक खान शरिया कानून लागू करना चाहते हैं. अखबार ने फैक्ट चेक करते हुए लिखा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लंदन या उसके मेयर सादिक खान ने इस्लाम के कानूनी और नैतिक ढांचे, शरिया, को लागू किया है या लागू करने की योजना बनाई है.

- चीन का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, “मैं चीन को बहुत श्रेय देता हूं. वे पवन चक्कियां बनाते हैं और दुनिया भर में भेजते हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल बहुत कम करते हैं. आप जानते हैं, वे कोयले का इस्तेमाल करते हैं और गैस का इस्तेमाल करते हैं.”

इस पर अखबार ने लिखा, “इसका उल्टा सच है. चीन के पास किसी भी और देश की तुलना में ज्यादा पवन फार्म और पवन ऊर्जा क्षमता है.”

- एक दावा करते हुए उन्होंने लिखा, “हमारे बिल काफी कम आ रहे हैं. आपने शायद देखा होगा कि हमारे पेट्रोल के दाम काफी कम हो गए हैं.” अखबार ने पोल खोलते हुए कहा कि यह अतिशयोक्ति है. दरअसल, ट्रंप के शासनकाल में बिजली की कीमतें बढ़ी हैं, जबकि गैस की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई है.

- डॉनल्ड ट्रंप ने भ्रामक रूप से दावा किया कि बाइडेन प्रशासन ने लगभग 3,00,000 बच्चों को खो दिया और उनमें से कई की तस्करी की गई या वे मर गए. न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस पर लिखा कि यह आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उनमें से कई की मौत हुई थी.

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