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ज़ुबीन गर्ग की अंतिम यात्रा में इतनी भीड़ जुटी कि वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया

ज़ुबीन से ज्यादा भीड़ केवल एलिज़ाबेथ सेकेंड, पॉप फ्रांसिस और माइकल जैक्सन के लिए ही जुटी थी.

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ज़ुबिन ने अपने करियर में 38 हजार से ज़्यादा गाने गाए थे.

Zubeen Garg की मौत पर देशभर के लोग शोक मना रहे हैं. उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उनके होम स्टेट असम में लोग सड़कों पर उतर आए. ये लोग सैकड़ों-हजारों नहीं, बल्कि लाखों की संख्या में थे. जिसकी बदौलत ये इतिहास का चौथा सबसे बड़ा फ्यूनरल बन गया. और इसका नाम Limca Book of Records में दर्ज हो गया.  

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19 सितंबर को ज़ुबीन की सिंगापुर में मौत हो गई. ये खबर सुन असम के अलग-अलग हिस्सों, खासकर गुवाहाटी में, लोग सड़कों पर उतर आए. ज़ुबीन असम के कल्चरल आइकन हैं. जनता उन्हें काफी पसंद करती है. इसलिए 21 सितंबर को उनके अंतिम संस्कार में सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ आया.

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना का इम्पैक्ट बहुत बड़ा था. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी अंतिम यात्राओं में से एक माना. इसे दुनिया की चौथे सबसे बड़े फ्यूनरल के तौर पर पहचान मिली. रिपोर्ट है कि 15 लाख से अधिक लोग इस गैदरिंग का हिस्सा बने. इससे ज़्यादा भीड़ केवल एलिज़ाबेथ सेकेंड, पॉप फ्रांसिस और माइकल जैक्सन की अंतिम यात्रा में इकट्ठी हुई थी.

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इंटरनेट पर इस ज़ुबीन की अंतिम यात्रा के वीडियोज़ खूब वायरल हो रहे हैं. गुवाहाटी की सड़कें जाम हो गईं. बच्चों से लेकर बूढ़े, जवान, सब लाइन लगाकर उन्हें विदाई देने आए. कोई फूल लेकर आया, कोई ग्रीटिंग कार्ड लेकर. जिससे जो बन पड़ा, वो लेकर अपने पसंसीदा आइकॉन को अंतिम विदाई देने पहुंचा. लोगों ने साथ मिलकर ज़ुबीन के गाने गाए. कुलमिलाकर, सबने अपने-अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दी. ज़ुबीन गर्ग ने ऐसा क्या किया था, जो लोग उन्हें इतना मिस कर रहे हैं, इस सवाल का जवाब आपको नीचे लगे वीडियो में मिल जाएगा.

बता दें कि ज़ुबीन सिंगापुर में थे, जब उनके मौत हुई. वो नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए वहां गए थे. 20 और 21 सितंबर को वो वहां परफॉर्म करने वाले थे. इस बीच जो समय मिला, उसमें वो स्विमिंग करने चले गए. डाइविंग के दौरान ही उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. ये देख उन्हें समुद्र से बाहर लाकर CPR दिया गया. लोग उन्हें सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल भी लेकर गए. बावजूद इसके उन्हें बचाया ना जा सका.

अपने 3 दशक से ज़्यादा लंबे करियर में उन्होंने असमिया, बांग्ला और हिन्दी समेत 40 भाषाओं में गाने गाए. हिन्दी फिल्मों में उन्हें 'या अली' और 'दिल तू ही बता' से खासी पॉपुलैरिटी मिली. अपने करियर में उन्होंने 38 हजार गाने गाए थे. एक बार तो उन्होंने सालभर में ही अलग-अलग भाषाओं के 800 गाने गाए थे. ज़ुबीन ने एक ही रात में 36 गाने रिकॉर्ड करने जैसे कारनामे भी किए हैं. वो 52 बरस के थे.  

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वीडियो: 'या अली' फेम सिंगर जुबिन गर्ग की स्विमिंग करते हुए मौत हुई

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