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US-चीन में खत्म होगा ट्रेड वॉर? साउथ कोरिया में 6 साल बाद मिले ट्रंप और जिनपिंग

Donald Trump Xi Jinping Meetup: अमेरिका और चीन के बीच इस बैठक में ट्रेड वॉर से लेकर टेक्नोलॉजी और जरूरी मिनरल्स तक समेत कई तरह के मुद्दों पर बात होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि ज्यादा फोकस रेयर अर्थ मिनरल्स होगा.

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APEC समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग. (फोटो- AP)

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) गुरुवार 30 अक्टूबर को साउथ कोरिया में मिले. दोनों देशों की मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिका चीन पर लगातार टैरिफ लगा रहा है और चीन ठीक उसी की भाषा में US को जवाब भी दे रहा है. दोनों राष्ट्र प्रमुख करीब 6 साल बाद मिले हैं. दोनों की बीच की इस मीटिंग का मकसद महीनों से चले आ रहे ट्रेड टेंशन को कम करना और दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनमी के बीच स्थिरता वापस लाना है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप और जिनपिंग साउथ कोरिया में APEC समिट के दौरान आमने-सामने मिले. मीटिंग के दौरान दोनों राष्ट्रपतियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया. इसी दौरान दोनों नेताओं ने मीडिया से कहा, 

“हम एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह जानते हैं. हमारे बीच बहुत अच्छे रिश्ते हैं. उन्हें फिर से देखकर अच्छा लगा.”

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मीटिंग शुरू होती ही ट्रंप ने कहा, 

“इसमें कोई शक नहीं है कि हमारी मीटिंग बहुत सफल होने वाली है. वह (शी) बहुत टफ नेगोशिएटर हैं. वह एक महान देश के महान लीडर हैं. हमारे बीच बहुत लंबे समय तक बहुत अच्छे रिश्ते रहने वाले हैं.”

दूसरी तरफ चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश हमेशा एक-दूसरे से सहमत नहीं होते, लेकिन यह सामान्य बात है. शी ने अमेरिका की मध्यस्थता से हुए गाजा शांति समझौते और थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में मिली सफलता के लिए ट्रंप की तारीफ भी की.

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और चीन के बीच इस बैठक में ट्रेड वॉर से लेकर टेक्नोलॉजी और जरूरी मिनरल्स तक समेत कई तरह के मुद्दों पर बात होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि ज्यादा फोकस रेयर अर्थ मिनरल्स होगा. ये मिनरल्स स्मार्टफोन और इलेक्ट्रिक गाड़ियों से लेकर फाइटर जेट और ड्रोन तक बनाने में सबसे जरूरी उपकरण हैं. चीन का इनकी ग्लोबल सप्लाई पर दबदबा है. 

हाल में जब अमेरिका ने चीन की कई कंपनियों को अमेरिका में व्यापार करने से रोका था (ब्लैकलिस्ट करना) तो चीन ने मटीरियल्स के एक्सपोर्ट पाबंदियों लगा दी थीं. बताते चलें कि US के लिए चीन के रेयर अर्थ मेटीरियल्स पाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. माना जा रहा है कि दोनों देश इन्ही मुद्दों पर बीच का रास्ता निकालने की जुगत में हैं. 

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