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BMW चलाने के लिए कुत्तों को देना पड़ा ड्राइविंग टेस्ट

कुछ लोग तो बिना टेस्ट पास किए ही सड़कों पर गाड़ियां दौड़ाने लगते हैं.

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फोटो - thelallantop
हिंदुस्तान में ज़्यादातर लोग ये मानकर चलते हैं कि गाड़ी चलाने की कला उन्हें जन्मजात प्राप्त हुई है. कई बार लोग बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही गाड़ी चलाना शुरू कर देते हैं तो कभी मां-बाप बच्चों को लीगल एज से पहले ही गाड़ी थमा देते हैं. और बड़ी शान से कहते हैं हमारा बेटा इतना टैलेंटिड है कि गाड़ी चलाने लगा. और एक सच्चाई ये है कि हिंदुस्तान में रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की गिनती सबसे ज़्यादा है.
हिंदुस्तान की छोड़िए न्यूज़ीलैंड की बात करते हैं. वही मुल्क जो ऑस्ट्रेलिया के नक्शे के साथ फ्री में मिल जाता है. वहां अब कुत्ते कार चला रहे हैं. वो भी ऐसे वैसे नहीं ड्राइविंग टेस्ट पास करके.
driving dogs इस कार को खास तौर पर कुत्तों के लिए मोडिफाई किया गया है.

न्यूज़ीलैंड में 3 कुत्तों को कार चलाना सिखाया गया. 10 महीने के बर्डी क्रॉस कुत्ते पोर्टर और 18 महीने के जाइंट श्नूज़र क्रॉस कुत्ते मॉन्टी और एक साल की जिनी को दो महीने तक ट्रेनिंग दी गई. उनके लिए एक BMW मिनी को खास तरीके से कस्टमाइज़ किया गया. दोनो कुत्तों ने ड्राइविंग टेस्ट पास कर लिया.
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कुत्तों के लिए मोडिफाइड कार में एक्सेलरेटर और ब्रेक को स्टेयरिंग के पास तक ऊपर लाया गया है. साथ ही गियर को भी कुत्तों के पंजो के हिसाब से बदला गया है. पहले इन कुत्तों को लैब के आसपास लकड़ी की गाड़ियों पर स्टेयरिंग ब्रेक वगैरह लगाकर ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद उन्हें रेस ट्रैक पर असली कार के साथ ड्राइविंग टेस्ट दिया गया. जिसे इन कुत्तों ने किसी प्रोफेश्नल ड्राइवर की तरह पूरा किया.
तीनों कुत्ते
तीनों कुत्ते

इन कुत्तों को ट्रेनिंग देने के पीछे भी एक खास वजह है. इन सभी कुत्तों के साथ उनके मालिकों ने क्रूरता दिखाई थी और SPCA नाम की संस्था ने इन्हें बचाया था. ये संस्था इस प्रोजेक्ट के साथ लोगों में रेस्कयू किए गए कुत्तों के प्रति प्रभाव पैदा करना चाहती है. संस्था चाहती है कि लोग इन बचाए गए कुत्तों को पालतू की तरह अपनाएं.
आप खुद ही ये वीडियो देख लीजिए :
https://www.youtube.com/watch?v=kfvJKeDScws