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पत्नी को पीठ पर बिठा DM ऑफिस पहुंचा विकलांग, घर तक चाहिए रास्ता, कहानी भावुक कर देगी

यूपी के आजमगढ़ जिले के रहने वाले पीड़ित अशोक कुमार ने बताया कि उनके घर तक जाने वाला रास्ता गायब हो गया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अब वह घर से कैसे निकलेंगे. पति और पत्नी दोनों ही विकलांग हैं. दोनों को काफी दिक्कत हो रही है. सड़क बनवाने के लिए दंपति ने डीएम को अर्जी सौंपी है. इनका वीडियो भी वायरल है.

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पीड़ित अशोक कुमार का दावा है कि उसने 10000 रुपये सड़क बनवाई थी, लेकिन वो गायब हो गई.
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राजीव कुमार

घर तक रास्ते की मांग को लेकर डीएम ऑफिस पहुंचे एक विकलांग व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम अशोक कुमार है. उनकी पत्नी भी पैर से विकलांग हैं. अशोक कुमार अपनी पत्नी को पीठ पर बिठाकर हुए जमीन पर घसीटते-घसीटते जिलाधिकारी के पास सड़क बनवाने की अर्जी देने पहुंचे थे. 

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आजतक के राजीव कुमार के अनुसार पीड़ित व्यक्ति यूपी के आजमगढ़ के जहानागंज थाना क्षेत्र में आने वाले कुंजी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उनके घर तक जाने वाला रास्ता गायब हो गया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अब वह घर से कैसे निकलेंगे. पति और पत्नी दोनों ही विकलांग हैं. दोनों को काफी दिक्कत हो रही है. बारिश के समय तो रास्ते में पानी भर गया है, मुश्किल और बढ़ गई है. इस समय उनके गांव में चकबंदी का काम चल रहा है. इसलिए वो चाहते हैं कि चकबंदी के दौरान ही एक रास्ता उनके घर तक भी बनवा दिया जाए. अगर रास्ता नहीं बनता है तो उनके सामने बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी. इसी मांग को लेकर विकलांग दंपति डीएम कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे थे.

पीड़ित अशोक कुमार ने बताया, ‘मेन सड़क से हमारे घर की दूरी 30 मीटर है. हमने 10,000 रुपये देकर सड़क निकलवाई थी, लेकिन मुकदमा लड़कर उसे हटवा दिया गया. चकबंदी वाले कागज में सड़क नहीं थी. इसलिए हम ज्ञापन देने आए हैं. हम पहले भी सड़क बनवाने के लिए अर्जी दे चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.'

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वीडियो में देखा जा सकता है कि विकलांग पति अपनी पीठ पर पत्नी को लाद कर जमीन पर घसीटते हुए डीएम कार्यालय तक ज्ञापन सौंपने जा रहा है. दंपति आया तो व्हीलचेयर पर था, लेकिन दावा किया जा रहा है कि व्हीलचेयर की बैटरी खत्म हो गई थी. इसलिए अशोक कुमार को अपनी पत्नी को पीठ पर बैठाकर ले जाना पड़ा. लोग सोशल मीडिया पर नाराज हो रहे हैं कि जिलाधिकारी कार्यालय में मौजूद लोगों में से किसी ने भी दंपति की मदद क्यों नहीं की.

बहरहाल, मामले में मुख्य राजस्व अधिकारी संजीव ओझा ने भी अपना बयान दिया है. उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र के आधार पर मालूम होता है कि पीड़ित को घर के सामने रास्ता चाहिए. वर्तमान में चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है. कोशिश की जाएगी कि उनके घर तक रास्ता निकाला जाए. डीएम के आश्वासन के बाद दोनों दंपति घर वापस लौट गए.

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