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सत्येंद्र जैन की जमानत पर सुनवाई हो रही थी, लेकिन ऐन मौके पर पेंच फंस गया!

इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 सितंबर को होगी.

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सत्येंद्र जैन. (फाइल फोटो)

दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ अदालत में कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इधर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मांग की है कि इस मामले को विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिया जाए. इसी के बाद कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 सितंबर को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने ईडी की ओर से आवेदन दायर किया था और मामले को विशेष जज गीतांजलि गोयल के कोर्ट से ट्रांसफर करने की मांग की थी.

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खास बात ये है कि ईडी ने ये कदम ऐसे समय पर उठाया, जब सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई आखिरी चरण में पहुंच गई थी और ईडी इस पर अपनी दलीलें देने के लिए और अधिक समय मांग रही थी. इधर ASG राजू ने प्रधान जिला और सत्र न्यायालय जज विनय कुमार गुप्ता को अपने आवेदन के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद जज ने मामले में पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.

इस संबंध में दूसरे पक्ष ने आश्चर्य जाहिर किया. दो आरोपियों वैभव जैन और अंकुश जैन की ओर से पेश हुए वकील सुशील कुमार गुप्ता ने अपने मुवक्किल की ओर से नोटिस को स्वीकार किया और साथ ही आश्चर्य भी जताया कि ईडी केस को ट्रांसफर करने की मांग कर रही है. गुप्ता ने ये भी मांग की है कि कोर्ट मामले पर जल्दी सुनवाई करे क्योंकि पिछले 40 दिनों से जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है और 'यह अपने आखिरी चरण' में थी.

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जज ने ईडी से पूछे थे सवाल

मालूम हो कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत साल 2017 में सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज एक CBI मामले के आधार पर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है. जैन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अपनी चार कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस की पिछली कुछ सुनवाई में स्पेशल जज गोयल ने एजेंसी की जांच पर सवाल खड़े किए थे और ईडी की खिंचाई की थी. जज ने ईडी से सवाल किया था कि उन्होंने CBI केस से बाहर जाकर क्यों कथित अपराध से हुए लाभ की जांच की है, जिसका उल्लेख चार्जशीट में नहीं है. उन्होंने एजेंसी से ये भी पूछा था कि वे बताएं कि इस मामले में आखिर अपराध क्या हैं.

इधर CBI ने अपनी चार्जशीट में दावा किया था कि जैन ने 1.47 करोड़ रुपये की संपत्ति गलत तरीके से अर्जित की है. इसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए जैन की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है.

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