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क्रिसमस मनाने को लेकर दलित महिलाओं की हिंदू संगठन के लोगों से तगड़ी बहस, वीडियो वायरल

बजरंग दल पर आरोप है कि उसने घर में घुसकर परिवार से क्रिसमस ना मनाने की बात कही.

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वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट
हाल में क्रिसमस सेलिब्रेशन में हिंदू समुदाय के लोगों की भागीदारी को लेकर हिंदू संगठन नाराज नजर आए. मीडिया रिपोर्टों में ऐसी घटनाओं का जिक्र देखने को मिला जिनमें कथित रूप से हिंदू संगठनों ने अपने समाज के लोगों को क्रिसमस मनाने से रोका. ऐसी एक और घटना का वीडियो सामने आया है. मामला कर्नाटक के तुमकुरु का है. यहां कथित रूप से बजरंग दल के लोगों ने एक दलित परिवार को क्रिसमस (Christmas) मनाने से रोकने की कोशिश की. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में परिवार की महिलाओं को कुछ लोगों से बहस करते देखा जा सकता है. दी न्यूज मिनट के पत्रकार प्रज्वल ने इसे अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक वीडियो में महिलाओं से पूछा जा रहा है कि वे क्रिसमस क्यों मना रही हैं. इस पर उनका जवाब होता है कि वे  ईसाइयत में भरोसा करती हैं. इस पर वे लोग फिर महिलाओं से सवाल करते हैं कि उन्होंने सिंदूर क्यों नहीं पहना है. ये लोग कहते दिखते हैं कि सिंदूर हिंदू महिलाओं की एक विशेषता है. इस पर इन महिलाओं में से एक जवाब देती है,
आप सवाल करने वाले कौन होते हैं? आपको क्या लगता है कि हम थाली (एक पवित्र धागा जिसे विवाहित हिंदू महिलाएं पहनती हैं) क्यों पहनते हैं?
वहीं एक दूसरी महिला कहती है,
क्रिसमस मनाने में कुछ भी गलत नहीं है और हमें आजादी है कि हम जिनसे चाहें प्रार्थना करें.
इसके बाद हिंदू संगठन के लोग इन महिलाओं से सवाल करते हैं कि वे ईसाई धर्म में क्यों परिवर्तित हुईं. इस पर महिलाएं जवाब देती हैं कि वे हिंदू हैं, लेकिन ईसाई मान्यताओं का भी पालन करती हैं. एक महिला को ये कहते हुए सुना जा सकता है,
"ये धर्मांतरण कहां हुआ है? आपके पास धर्मांतरण का सबूत क्या है? अगर हम क्रिसमस मनाना चाहते हैं तो ये हमारी इच्छा है.
पुलिस ने क्या बताया? घटना 28 दिसंबर की शाम को तुमकुरु के कुनिगल तालुका के बिलिदेवालय गांव में हुई. विवाद बढ़ने के बाद पुलिस बुलानी पड़ी. हालांकि कोई मामला दर्ज नहीं करवाया गया है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक कुनिगल थाने के पुलिस निरीक्षक राजू पी ने कहा है,
जब हमें फोन आया तो पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. हमने दोनों समूहों से बात की. परिवार क्रिसमस मना रहा था, लेकिन कुछ लोगों ने वहां जाकर इसे बाधित किया. दोनों पक्षों में बहस हुई थी. कोई हिंसा नहीं हुई. हमने मामला दर्ज नहीं किया है.
वहीं बजरंग दल के स्थानीय नेता रामू बजरंगी ने द न्यूज मिनट से बातचीत में कहा,
एक ग्राम पंचायत सदस्य ने देखा कि उनके गांव में रामचंद्र के परिवार ने पिछले एक महीने में अपने घर में ईसाई प्रार्थना शुरू कर दी थी. उन्होंने बजरंग दल के लोगों को सतर्क किया.
ईसाइयों पर हमले बढ़े पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में पूरे कर्नाटक में ईसाइयों और ईसाई धर्म में विश्वास रखने वालों के खिलाफ हिंसा की 39 घटनाएं सामने आईं. कई घटनाओं में किसी हिंदुत्व समूह को ईसाई प्रार्थना सभा को बाधित करने के लिए लामबंद किया गया था. रिपोर्ट में पाया गया कि पुलिस और कुछ मामलों में मीडिया ने भी इन हमलों में हिंदुत्व समूहों के साथ मिलीभगत की.