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शादी में दलित ने गलती से 'खाने की प्लेट छू दी', संदीप पांडेय और साथियों ने घर जाकर परिवार को पीटा

घटना को चार दिन हो गए, अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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सांकेतिक तस्वीर. (गोंडा पुलिस का ट्विटर हैंडल)

उत्तर प्रदेश (यूपी) के गोंडा में कथित रूप से खाना छू लेने की वजह से एक दलित युवक की पिटाई कर दी गई. बीती 9 दिसंबर की इस घटना की जानकारी अब सामने आई है. पुलिस ने मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. लेकिन करीब चार दिन बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

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खाने की ‘प्लेट छूने’ पर दलित की पिटाई

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गोंडा पुलिस ने बताया है कि मुख्य आरोपी का नाम संदीप पांडेय है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बाकी आरोपियों के नाम अमरेशा पांडेय, श्रवण पांडेय, सौरभ पांडेय, अजीत पांडेय, विमल पांडेय और अशोक पांडेय हैं. पीड़ित दलित युवक का नाम लल्ला है. वो गोंडा के नौबस्ता इलाके का रहने वाला है. उसकी उम्र 19 साल है. जिला पुलिस ने उसकी और परिवार की शिकायत के आधार पर बताया,

"ये कथित घटना शुक्रवार की है. शिकायतकर्ता रेणु कुमारी का आरोप है कि किसी शादी के दौरान उनके छोटे भाई लल्ला ने गलती से एक आरोपी संदीप पांडेय के खाने की प्लेट को छू दिया था. कथित तौर पर इसी को लेकर उससे मारपीट की गई. संदीप और उसके साथियों पर लल्ला को जातिगत अपशब्द कहने का भी आरोप है. घटना के वक्त कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला रफा-दफा किया गया. उसके बाद लल्ला घर आ गया."

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वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक घटना के अगले दिन पीड़ित युवक के परिवार ने गांव के प्रधान और बुजुर्गों के सामने अपना पक्ष रखा और आरोपियों की शिकायत की. रेणु का आरोप है कि इसके बाद संदीप और बाकी आरोपी उनके घर पहुंचे और सभी से मारपीट की. पुलिस ने FIR के आधार पर बताया कि जब रेणु और बाकी परिजनों ने बीच-बचाव की कोशिश की तो आरोपियों ने उन्हें भी नहीं बख्शा.

गोंडा पुलिस के एएसपी शिव राज ने अखबार से कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर घर में खड़ी एक बाइक के साथ भी तोड़फोड़ की.

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक रेणु कुमारी ने बताया कि उन्होंने घटना के समय ही पुलिस को कॉल कर दिया था. लेकिन उसके वहां पहुंचने से पहले ही आरोपी फरार हो गए थे. वजीरगंज पुलिस स्टेशन के स्टेशन ऑफिसर चंद्रप्रताप सिंह ने बताया कि शादी के इवेंट में दलित युवक और आरोपी दोनों को ही बुलाया गया था. चंद्र प्रताप के मुताबिक फिलहाल घटना की असल वजह साफ नहीं है. उसने आईपीसी के अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है.

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