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PM मोदी फॉलो करते थे, टैग कर मदद मांगी लेकिन नहीं मिली, कोरोना से गई जान

मां भी मथुरा के अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही हैं.

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ट्विटर पर पीएम मोदी फॉलो करते थे. उन्हें टैग कर मदद मांगी लेकिन नहीं मिली और अमित की मौत हो गई.
अमित जायसवाल जैन. आगरा के रहने वाले थे. कोरोना पॉजिटिव थे. मथुरा के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर उन्हें फॉलो करते हैं. ये बात हम आपको इसलिए बता रहे हैं कि उन्होंने ट्विटर पर नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री ऑफिस और सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग कर मदद मांगी थी. लेकिन मदद नहीं मिली और अमित की मौत हो गई. ट्विटर पर अमित के पांच हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. 25 अप्रैल को उनके ट्विटर अकाउंट से मदद मांगी गई. इस ट्वीट में लिखा था,
मैं अमित जायसवाल की बहन सोनू हूं. मैं ये बताना चाहती हूं कि हम रेमडेसिविर और इलाज की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं. वह (अमित जायसवाल जैन) नयति अस्पताल मथुरा में भर्ती है. हमें आपके मदद की जरूरत है. उसकी तबीयत ठीक नहीं है.
इस ट्वीट में PMOIndia, narendramodi, myogiadityanath को भी टैग किया गया. 25 अप्रैल को ही एक और ट्वीट कर बताया गया कि कृपया मदद करें, बहुत अर्जेंट है. एक बार फिर PMO, मोदी और योगी के ट्विटर हैंडल को टैग करके ये बात लिखी गई. लेकिन मदद नहीं पहुंची और कोरोना पॉजिटिव अमित की मौत हो गई. Amit1 दी लल्लनटॉप ने अमित जायसवाल की बहन सोनू से बात की. जो जो इस वक्त अपनी मां को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. उन्होंने फोन पर बताया,
कल रात (29 अप्रैल) को मेरा भाई एक्सपायर हो गया. अभी भी मैं हॉस्पिटल में हूं. मेरी मदर को प्लाज्मा की जरूरत है. अस्पताल वाले कह रहे हैं कि आपको खुद प्लाजमा अरेंज करना पड़ेगा. ट्विटर पर लोगों से मदद मांगी थी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. पूछता हर कोई है, मदद कोई नहीं करता है. पूछ-पूछ के रह जाते हैं बस.
अमित की बहन ने बताया कि उनका परिवार आगरा का रहने वाला है. उन्होंने कहा,
मेरा भाई RSS से जुड़ा हुआ था. छोटा भाई था. 20 तारीख को अस्पाताल में भर्ती किया था. उसे रेमडेसिविर की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल वालों ने नहीं दिया. हमने कैसे भी करके अरेंज किया, लेकिन अपने भाई को नहीं बचा पाए.
19 अप्रैल को अमित ने ट्वीट कर बताया था कि उन्हें और उनकी मां को कोरोना हो गया है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था,
कोरोना वायरस चीन के नैनो सोल्जर हैं, वे अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग तरीके से हमला करते हैं. मैं और मेरी मां एक ही छत के नीचे रहते हैं, दोनों पॉजिटिव हैं, लेकिन लक्षण बिल्कुल अलग हैं. कोरोना ने मुझ पर कान के जरिए हमला किया है. मेरी सुनने की क्षमता 50% तक चली गई थी, लेकिन अब सुधार हो रहा है.
Amit2 अमित ने 16 अप्रैल को एक ट्वीट किया था. इसमें वही वॉट्सऐप फॉर्वड है जो आपने पहले भी पढ़ा होगा.
जिनको देश में हॉस्पिटल कम लग रहे हैं उन्हें बता दूं कि अगर घर में 6 लोगों को एक साथ दस्त लग जाए तो सबके लिए अलग-अलग टॉयलेट भी नहीं होता है.इसलिए जिम्मेदारी निभाइये और सरकार का साथ दें.
Amit3 अमित अपने इस ट्वीट में सरकार का साथ देने की बात कर रहे थे. लोगों से अपील कर रहे थे कि इस बीमारी का सामना एकजुट होकर करें. सरकार की आलोचना से कुछ नहीं होगा. दुखद ये कि लगातार मदद मांगने के बाद भी सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. और ये उस शख्स के साथ हुआ जिसको खुद प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं. किसी भी समस्या के समाधान के लिए ये जरूरी है कि हम पहले ये मानें कि समस्या है. उसके बाद उसका समाधान खोजें. अमित की मौत सिर्फ एक उदाहरण है कि हालात कितने खराब हैं.