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'ऐसे हमलों से न रोक पाओगे हमारा न्यूक्लियर प्रोग्राम', अमेरिका के अटैक के बाद ईरान का बड़ा बयान

Iran के विदेश मंत्री ने इन हमलों के लिए अमेरिका और Israel को जिम्मेदार ठहराया है. ईरान ने UN से इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है. वहां के अधिकारियों ने न्यूक्लियर साइटों की भी जानकारी दी है. इस बीच स्थानीय मीडिया ने एक अलग दावा कर दिया है.

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ईरान ने कहा है कि उसके पास जवाबी कार्रवाई का अधिकार है. (तस्वीर: एजेंसी)

इजरायल-ईरान संघर्ष (Israel Iran Conflict) में अमेरिका ने अपनी प्रत्यक्ष एंट्री लेते हुए ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर हमला (US Attacks Iran) किया है. ईरान ने इन हमलों के लिए अमेरिका की निंदा की है. ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.

अरागची ने कहा है कि ईरान इन हमलों का जवाब देने का अधिकार रखता है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है,

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया है. ये संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का गंभीर उल्लंघन है. 

आज (22 जून की) सुबह की घटनाएं अपमानजनक हैं और इसका असर हमेशा के लिए रहेगा. संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य को इस बेहद खतरनाक, अराजक और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र चार्टर और इसके प्रावधान, आत्मरक्षा में जवाब देने की अनुमति देते हैं. इसके तहत ईरान अपनी संप्रभुता, हित और लोगों की रक्षा के लिए (जवाबी कार्रवाई के लिए) सभी विकल्प सुरक्षित रखता है.

Iran Foreign Minister Statement After US Attack
ईरानी विदेश मंत्रालय का बयान.
ईरान ने UN की इमरजेंसी मीटिंग की मांग की

इस बीच खबर ये भी है कि ईरान ने इन हमलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक चिट्ठी लिखी है. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद इरावानी ने लिखा है कि ईरान के न्यूक्लियर साइटों पर अवैध हमले हुए हैं और इसके लिए अमेरिका और इजरायल जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा है कि अमेरिका ने जानबूझकर सेना का अवैध इस्तेमाल किया है. उन्होंने लिखा,

फोर्डो, नतांज और इस्फहान में ईरान की न्यूक्लियर साइट अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की पूर्ण निगरानी में थीं. अमेरिका ने बिना किसी उकसावे के इन हमलों को अंजाम दिया. और इसके तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति (डॉनल्ड ट्रंप) ने सार्वजनिक रूप से इसकी जिम्मेदारी ली. ईरान इसकी कड़ी निंदा करता है और संयुक्त राष्ट्र की आपातकालीन बैठक की मांग करता है.

अमेरिकी हमलों पर क्या कहा?

ईरान के परमाणु सुरक्षा विभाग के प्रमुख मोहम्मद रेजा करदान ने पुष्टि की है कि न्यूक्लियर साइटों से किसी तरह का रेडिएशन नहीं हुआ है. IRINN News से फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा,

जो हुआ, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. अमेरिकी शासन अपराधी है. उन्होंने जो किया है, वो पहली बार हुआ है (एक्टिव न्यूक्लियर साइटों पर हमला). इसके बावजूद न्यूक्लियर साइटों से किसी तरह का रेडिएशन नहीं हुआ. लोग बिना किसी चिंता अपना सामान्य जीवन जारी रख सकते हैं. 

IAEA ने भी कंफर्म किया है कि हमले वाले इलाकों के रेडिएशन लेवल में कोई अंतर नहीं देखा गया है. 

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‘ट्रंप झूठ बोल रहे’

डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिकी हमलों को लेकर दावा किया है कि ईरान की तीनों न्यूक्लियर साइट पूरी तरह से धवस्त कर दी गई हैं. ईरान के सरकारी न्यूज चैनल पर इसको लेकर कुछ अलग ही कहा गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने इन साइटों पर हमलों की बात तो कबूल ली है, लेकिन सरकारी न्यूज चैनल के प्रेजेंटर ने कहा कि ट्रंप हमेशा अपनी बातों को बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं, वो जितना बता रहे हैं, साइटों को उतना नुकसान नहीं पहुंचा है. चैनल ने दावा किया कि ईरान की परमाणु सुविधाओं को सामान्य नुकसान पहुंचा है.

ईरान ने जब इन हमलों को लेकर पहला बयान जारी किया था, तब उन्होंने भी कुछ ऐसा ही कहा था. उस बयान के अनुसार, ईरान के न्यूक्लियर साइट्स सुरक्षित हैं, उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है. ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने कहा कि इन हमलों के बावजूद उनका न्यूक्लियर प्रोग्राम नहीं रुकेगा.

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