वैक्सीन की इतनी मात्रा उपलब्ध नहीं होगी कि सभी को टीके लगाए जा सकें. ऐसे में कोरोना का खतरा वैक्सीन बनने के बाद भी बरकरार रहेगा. हमें कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए मौजूदा उपायों को जारी रखना होगा.उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते रहने को कहा. उनका कहना था कि वैक्सीन तैयार होने के बाद भी हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि कोरोना का खतरा कम हो जाएगा, क्योंकि शुरुआत में सभी के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर पाना मुश्किल है. तमाम एक्सपर्ट्स भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वैक्सीन आने के बाद भी मास्क, सैनेटाइजर और डिस्टेंसिंग को जीवन का हिस्सा बनाए रखना होगा.
वैक्सीन पर कामयाबी के बाद भी WHO किस खतरे को लेकर आगाह कर रहा है?
अगले तीन से छह महीने तक क्या होगा, बताया.
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किसी वैक्सीन के लिए अंतिम अप्रूवल मिलना और आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अप्रूवल मिलना, दोनों में अंतर है. सांकेतिक तस्वीर: India Today
ब्रिटेन ने फाइजर और बायोएनटेक कंपनी की कोरोना वैक्सीन को देश में इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है. लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण इतना ज्यादा है कि उसे रोकने के लिए अगले तीन से छह महीने में भी पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं मिल सकेगी. WHO के टॉप इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रियान ने एक सोशल मीडिया इवेंट में कहा,
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