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इंडिया में लोगों को किस तरह कोरोना वैक्सीन लगाने की प्लानिंग चल रही है?

तीन चैम्बरों में क्या होगा, एक बार में कितनों को वैक्सीन लगेगी, जान लीजिए

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कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में कई देश तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भारत में भी वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. और ऐसे में आ रहे हैं नए अप्डेट्स (फोटो- PTI)
कोरोना की वैक्सीन यूके में आम लोगों को लगनी शुरु हो गई है. इंडिया में भी तैयारियां चल रही हैं. पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया और भारत बायोटेक ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) से इमरजेंसी यूज के लिए परमिशन मांगी है. मतलब, जल्द से जल्द लोगों को कोरोना वैक्सीन लगायी जाए, इसकी अनुमति दीजिए. ट्रायल का डाटा DCGI को दिया जा चुका है, जिसके आधार पर DCGI निर्णय लेगा. लेकिन इस सबके बीच ये सवाल सामने आ रहा है कि कोरोना की वैक्सीन लोगों को लगाई कैसे जाएगी? क्या तरीक़ा होगा? वैक्सीनेशन सेंटर कैसे होंगे? दरअसल इंडियन एक्सप्रेस ने कुछ सरकारी अधिकारियों से बात की है. अधिकारियों ने बताया है कि सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी. इसके लिए सभी राज्य अपने यहां काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का डाटा तैयार कर रहे हैं. ये भी जानकारी सामने आ रही है कि वैक्सीन ANM  यानी सहायक नर्सों की मदद से लगायी जाएगी. इसके लिए भिन्न-भिन्न प्रदेशों की 2.39 लाख ANM कर्मियों की जानकारी डेटाबेस में अपलोड की जा रही है. कैसा होगा वैक्सीनेशन सेंटर? ख़बर की मानें तो हर वैक्सीनेशन केंद्र में तीन चैम्बर बने होंगे. पहले चैम्बर में वैक्सीन लगवाने आए व्यक्ति को इंतज़ार करना होगा. इसी चैम्बर में रजिस्ट्रेशन वग़ैरह होगा. इसके बाद दूसरे चैम्बर में व्यक्ति को वैक्सीन लगायी जाएगी. इसके बाद व्यक्ति को तीसरे चैम्बर में भेज दिया जाएगा. वहां वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति को 30 मिनट तक वेट करना होगा. कहा जा रहा है कि अगर इन 30 मिनटों में वैक्सीन का कोई साइड इफ़ेक्ट सामने आता है, तो वहीं उपचार करने और ध्यान देने की कोशिश की जाएगी. लेकिन अगर वैक्सीनेशन सेंटर से आने के बाद किसी व्यक्ति को कोई साइड इफ़ेक्ट समझ में आते हैं, तो डिजिटल डेटाबेस में व्यक्ति की जो जानकारी है, वहां शिकायत की जा सकेगी. जानकारी मिली है कि एक व्यक्ति को वैक्सीन लगाने में कुल मिलाकर 30 मिनट का समय लगेगा.  एक बार में अधिकतम 100 लोगों को वैक्सीन लगायी जाएगी. ज़िला टीकाकरण अधिकारियों से सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की लिस्ट बनाने के लिए भी कहा गया है. टीकाकरण अधिकारी इन अस्पतालों के प्रमुखों से मिलेंगे, जिसके बाद उन्हें नोडल अफ़सर बनाया जाएगा. इससे टीका लगवाने वालों की जानकारी रखी जा सकेगी. जैसी कि जानकारी मिल रही है, सरकार एक सर्विलांस नेटवर्क बनाने की तैयारी में है. इसमें ये नोडल अधिकारी मदद करेंगे. ये OPD में टीका लगवाने वालों का तमाम ब्यौरा दर्ज करेंगे. अधीनस्थ मेडिकल अधिकारियों द्वारा दर्ज किए गए डाटा और आंकड़ों का हर हफ़्ते अध्ययन किया जाएगा.

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