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टेस्ट में निकला टाइफाइड, लेकिन लक्षण कोरोना के; इस परेशानी का इलाज क्या है?

डॉक्टरों ने जरूरी सलाह दी है

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कोरोना की जांच के लिए अभी RTPCR टेस्ट किया जाता है, जिसकी रिपोर्ट आने में अक्सर लंबा वक्त लग रहा है. (सांकेतिक - PTI)
कोविड 19 (covid 19 ) की दूसरी लहर में RTPCR टेस्ट को लेकर भी लंबी वेटिंग चल रही है. ऐसे में एक कंफ्यूजन ने दिक्कत और बढ़ दी है. डॉक्टर टेस्ट के बाद पेशेंट को टायफाइड की बीमारी बता रहे हैं. लेकिन लक्षण कोरोना के आ रहे हैं. बाद में पेशेंट का सीटी स्कैन कराने के बाद कोरोना पॉजिटिव आ रहा है. हमें कई लोगों ने इस तरह की समस्याएं लिख भेजीं. हमने उनसे संपर्क किया. उन्हीं की ज़ुबानी सुनिए इस परेशानी की कहानी.
जिला- जौनपुर तहसील- सुजानगंज राज्य - उत्तर प्रदेश
सूरज तिवारी ने बताया
मेरी 57 साल की मां को तेज बुखार और ठंड लगने की शिकायत हुई. घरवालों ने फौरन पास के डॉक्टर से संपर्क किया. डॉक्टर ने टाइफाइड के लक्षण बता कर विडॉल टेस्ट कराने को कहा. टेस्ट पॉजिटिव आया. डॉक्टर ने टाइफाइड का इलाज करना शुरू कर दिया. एक हफ्ते बाद ही मां को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. एक्सरे और सीटी स्कैन कराया तो फेफड़ों में इंफेक्शन निकला. डॉक्टर ने कोविड बताया. फिलहाल वह घर पर ही ऑक्सीजन सप्लाई पर हैं. मेरे इलाके में इस तरह के कई मरीज हैं जो टाइफाइड की शिकायत के बाद ऑक्सीजन पर चले गए.
 
इलाका - पीतमपुरा, नई दिल्ली राज्य - दिल्ली आयुष बत्रा, उम्र-35 साल
मुझे एक हफ्ते पहले पेट में दर्द और बुखार की दिक्कत होने लगी. मैंने करीब के डॉक्टर को दिखाया. उसने टाइफाइड का टेस्ट (विडॉल टेस्ट) करवाया. विडॉल टेस्ट पॉजिटिव आने पर इलाज शुरू हो गया. मुझे कुछ दिन में किसी भी चीज़ की महक आना बंद हो गई. मैंने अपना आरटीपीसीआर टेस्ट कराया. जिसमें कोरोना पॉजिटिव निकला. अब घर पर ही आइसोलेशन में हूं. खांसी अब पहले से बढ़ गई है.
जिला- बांका गांव- चांदन राज्य - बिहार
कुंदन कुमार बताते हैं,
मेरा भाई चंदन धनबाद में जॉब करता है. वहां पर उसकी तबियत खराब हुई तो वह घर आ गया. डॉक्टर ने विडॉल टेस्ट कराया तो टायफाइड का पता चला. हम उसका इलाज कराने लगे. लेकिन उसकी खांसी कम ही नहीं हो रही थी. डॉक्टर की सलाह पर मैंने 3 मई को उसका सीटी स्कैन कराया है. उसमें कोरोना का पता चला है. अब टायफाइड के साथ कोरोना की दवा भी चल रही है. इस बीच घर में पिता जी भी कोविड पॉजिटिव आए हैं.
जिला - कोटा, राज्य - राजस्थान
नवजोत सिंह ने बताया,
मेरी 55 साल की आंटी ने अप्रैल के आखिरी हफ्ते में हल्के बुखार के बाद डॉक्टर से कंसल्ट किया. डॉक्टर ने टाइफाइड के लिए विडॉल टेस्ट बताया. टाइफाइड का पॉजिटिव रिजल्ट आने पर इलाज शुरू कर दिया. एक हफ्ते के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी और खांसी बढ़ गई. आनन-फानन में आरटीपीसीआर टेस्ट कराया तो वह कोविड पॉजिटिव थीं. अगले कुछ दिनों में उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा. कुछ दिन तक वह वेंटिलेटर पर थीं. 3 मई को वह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर आ गई हैं. फिलहाल काफी कमजोर हैं.
इन सब कहानियों को बताने का मकसद सिर्फ एक है. टाइफाइड और कोरोना को लेकर यह कंफ्यूजन बिहार से लेकर दिल्ली तक है. हमने इस समस्या पर डॉक्टरों से बात की. आइए जानते हैं उनका क्या कहना है. कुछ भी हो पहले कोरोना टेस्ट कराएं दिल्ली नगर निगम में मेडिकल ऑफिसर रहे सीनियर फिजीशियन डॉक्टर अनिल बंसल ने इसे संक्रमण बढ़ाने के लिहाज से काफी खतरनाक बताया. उनका कहना है कि
टाइफाइड और कोरोना, दोनों में ही तेज बुखार आता है. ऐसे में डॉक्टर को कंफ्यूजन होना स्वाभाविक है. अगर पेट दर्द और उल्टी आ रही है तो डॉक्टर अमूमन विडॉल टेस्ट कराने को बोलते हैं. इसके पॉजिटिव आने पर टाइफाइड का इलाज शुरू किया जाता है. इस वक्त मेरी सलाह यही है कि किसी भी तरह की दिक्कत होने पर पहले कोरोना का टेस्ट कराएं. जब तक टेस्ट रिजल्ट न आए आइसोलेशन में चले जाएं. कई बार लोग टाइफाइड का रिजल्ट पॉजिटिव आने पर निश्चिंत हो जाते हैं. परिवार और आसपास घुलते-मिलते रहते हैं. इससे संक्रमण पूरे परिवार में फैल जाता है. जहां तक इलाज की बात है तो कोरोना से आने वाला बुखार अपने आप 10-12 दिनों में चला जाएगा. टाइफाइड से निपटने के लिए एंटी बायोटिक दवाएं लेनी पड़ेंगी. मेरे हिसाब से टाइफाइड हो या कोरोना, घबराएं कतई ना. डॉक्टर से संपर्क में रहें और घर पर रह कर ही आराम से इलाज किया जा सकता है.
Corona
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीमार होते ही पहले कोरोना का टेस्ट कराएं. (फोटो-PTI)
कोविड और टाइफाइड का सीधा कनेक्शन नहीं धर्मशिला सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर गौरव जैन कोरोना और टाइफाइड में कोई सीधा कनेक्शन नहीं देखते. वह बताते हैं कि
कोविड और टाइफाइड इंफेक्शन में कोई भी सीधा कनेक्शन नहीं है. टाइफाइड बैक्टीरिया की वजह से होता है जबकि कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी है. लेकिन कुछ केसेज में ऐसा देखा गया है कि टाइफाइड के साथ कोरोना का टेस्ट भी पॉजिटिव आता है. ऐसे में टाइफाइड के लिए खून से जुड़े दूसरे टेस्ट भी कराने चाहिए. टाइफाइड का बैक्टीरिया भी ब्लड में पहुंच जाता है. ठीक इसी तरह गले और फेफड़ों के अलावा कोरोना का संक्रमण भी ब्लड फ्लो में पहुंच सकता है. इससे डायबीटीज और हाईबीपी जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं. असल में कोविड की वजह से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी घट जाती है. इसकी वजह से शरीर में टाइफाइड सहित दूसरे संक्रमण और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. टाइफाइड के मरीज अक्सर पेट दर्ज और तेज बुखार की शिकायत के साथ आते हैं.
विडॉल टेस्ट पर निर्भर न रहें कोरोना के केसेज पर लगातार नजर रखने वाले डॉक्टर विपिन वशिष्ठ ने टाइफाइड के टेस्ट को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा
टाइफाइड के लिए सिर्फ विडॉल टेस्ट पर निर्भर रहना ही सबसे बड़ी गलती है. टेस्ट करने की किट की दिक्कतों की वजह से यह कई बार फाल्स पॉजिटिव बताता है. पहले ही हफ्ते ब्लड कल्चर टेस्ट कराएं. इससे टाइफाइड का कंफर्म पता चलता है. जहां तक बात कोरोना की है, तो महामारी के वक्त सबसे पहले कोरोना को रूल आउट करें. मतलब सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको कहीं कोरोना तो नहीं. उसके बाद ही दूसरी बीमारी के बारे में सोचें.
सभी डॉक्टरों ने जिन दूसरी बातों पर जोर दिया उनमें शामिल हैं - साफ पानी पिएं, मौसम के फल खाएं, घर पर किसी को भी जुकाम-खांसी जैसे लक्षण दिखें, तो सभी मास्क लगाएं, टेस्ट रिजल्ट का इंतजार किए बिना ही लक्षण दिखते ही खुद को आइसोलेट करें.