क्रिस गेल, हम आपकी इज्जत करते हैं. क्योंकि आप एक इंटरनेशनल लेवल के क्रिकेटर हैं. आप एक ऐसा खेल खेलते हैं, जो हमारे देश में एक धर्म की तरह देखा जाता है. आप एक एंटरटेनर हैं. जितना मज़ा आप बल्ले से देते हैं, उतना ही अपने फील्ड में होने से. आपके ही शब्दों में कहें, तो आप एक 'जोकर' हैं. लेकिन ये पहली बार नहीं हुआ, जब आपने एक औरत के साथ बदतमीज़ी की है. आज से चार महीने पहले ही आपने ऑस्ट्रेलिया की महिला पत्रकार मेक लॉलिन से एक लाइव इंटरव्यू में पूछा था कि वो आपके साथ ड्रिंक के लिए चलेंगी क्या. और जब पत्रकार झेंपने लगी तो आपने उनसे कहा, 'बेबी, ब्लश मत करो.' हमें मालूम है कि किसी औरत से डेट के लिए पूछना कोई गलत बात नहीं है. और अगर पत्रकार इससे खुश हों, तो हम ज़रूर चाहेंगे कि आप डेट पर जाएं. लेकिन जबरन कूल बनने की कोशिश में आपको 10 हजार ऑस्ट्रलियन डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा. https://www.youtube.com/watch?v=Nx_aI7YHhzw आसान है, जुर्माना भरना. या यूं कहिए, एक आसान रास्ता है बच निकलने का. क्योंकि आप सुधरते नहीं दिखे.
बीते दिनों आपने टाइम्स मैगजीन की पत्रकार शारलट एडवर्ड्स से कहा, 'मेरा बल्ला बहुत, बहुत बड़ा है. दुनिया में सबसे बड़ा. तुम्हें लगता है तुम इसे उठा सकती हो? दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ेगा.' बल्ले का मतलब क्या है, ये समझाने की जरूरत नहीं है.
गेल ने शारलट से पूछा,
'तुमने कितने ब्लैक मर्दों के साथ सो चुकी हो? क्या तुमने कभी थ्रीसम किया है? मैं दावे से कह सकता हूं किया है. बता दो मुझे. इसके बाद कहा, औरतों को बराबरी का हक़ मिलना ही चाहिए. जमैका की औरतें इस बारे में बहुत ओपेन हैं... औरतों को अपने मर्दों को खुश रखना चाहिए. जब मर्द घर आए, उसे टेबल पर खाना लगा हुआ मिलना चाहिए. पति से पूछना चाहिए कि उसे क्या पसंद है. और वही पकाना चाहिए.'
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जब भी हम क्रिकेट की बात करते हैं, औरतों को हाशिए पर रख दिया जाता है. जब पुरुष क्रिकेट खेलते हैं, औरत या तो चियरलीडर के रूप में दिखती है. या फिर दर्शकों में बैठी किसी खिलाड़ी की गर्लफ्रेंड/पत्नी की तरह. वो गर्लफ्रेंड, जिसे खिलाड़ी को उसके लक्ष्य से भटकाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. फिर चाहे वो दीपिका पादुकोण हों. या अनुष्का शर्मा. और अंत में, उस बॉल के रूप में जिसे जितना ज्यादा हिंसा के साथ बाउंड्री के पार पहुंचाया जाए, बल्लेबाज का पौरुष उतना ही बढ़ जाता है. जब क्रिस गेल किसी पत्रकार से बदतमीजी करने की जुर्रत करते हैं, उनके अंदर एक कॉन्फिडेंस होता है. वो कॉन्फिडेंस जो उन्हें एक खिलाड़ी होने से मिलता है. क्योंकि हमारे दिमाग में खिलाड़ी होने का मतलब एक 'पुरुषत्व' से भरे मर्द या औरत का होता है. जिनपर औरतें मरती हैं. इसलिए इन्हें ये लगना, कि किसी भी तरह की बदतमीजी कर ये बच निकलेंगे, कोई चौंकाने वाली बात नहीं है. जाने क्रिस गेल इस हरकत से क्या साबित करना चाहते हैं. पर यही लगता है कि 'ब्लैक' पुरुषों के प्रति बने स्टीरियोटाइप्स को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी बातें सुनकर लगता है मानो 'ब्लैक' पुरुष ढेर सारी मात्रा में, और ढेरों औरतों के साथ सेक्स संबंध बनाने के लिए हों. जैसे वो सेक्स-प्रधान हिंसक जानवर हों. जिनके लिंग उनकी सबसे बड़ी संपत्ति हों. और फिर बात घूमकर उसी जगह आ जाती है. जहां औरतें पुरुषों की गुलाम होती हैं. पुरुषों को सेक्स की सेवा देने के अलावा जिनका काम उन्हें वक़्त पर खाना परोसना होता है. जब क्रिस गेल कहते हैं कि उनका बैट बहुत, बहुत लंबा है. वो असल में सिर्फ अपने पुरुषत्व की नहीं, इस क्रिकेट जगत की बात कर रहे होते हैं. जिसमें बैट वो लिंग है जिसके इर्द-गिर्द क्रिकेट की दुनिया चलती है. जो सचमुच इतना बड़ा है, कि औरतों को उसे संभालने में दोनों हाथ ही नहीं, बहुत सारा धैर्य और हिम्मत लगेंगे.