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चीन ने होश खो दिए, जापान के नजदीक मिसाइलें उतार दीं!

नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से चीन बौखलाया हुआ है. जापान के रक्षा मंत्री ने पुष्टि करते हुए कहा है कि चीन ने उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में अपनी मिसाइलें उतारी हैं.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

अमेरिका और ताइवान के साथ तनातनी के बीच चीन ने पहली बार जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में मिसाइलें उतारी हैं. इंडिया टुडे के मुताबिक जापान के रक्षा मंत्री मोबुओ किशी ने इसकी जानकारी दी है. ये सब ऐसे समय पर हो रहा है जब चीन ने ताइवान में अमेरिकी प्रतिनिधि नैंसी पेलोसी के दौरे पर नाराजगी जताई है और अपनी मिलिट्री ड्रिल्स तेज कर दी हैं. नैन्सी अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रजेन्टेटिव्स की स्पीकर हैं. 

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जापान को लेकर चीन का ये कदम इसलिए भी काफी चिंताजनक है क्योंकि जापान के सबसे दक्षिणी द्वीप क्षेत्र ओकिनावा के कुछ हिस्से ताइवान के करीब हैं. चीन के इस सैन्य कदम पर बात करते हुए मोबुओ किशी ने पत्रकारों से कहा, 

'ऐसा माना जा रहा है कि चीन द्वारा लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइलों में से पांच जापान के ईईजेड के भीतर उतारी गई हैं.' 

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किशी ने कहा कि जापान ने अपने कूटनीति माध्यमों से चीन के इस कदम पर नाराजगी जताई है और कहा है कि 'यह एक बेहद गंभीर समस्या है क्योंकि इससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा को खतरा है.'

वहीं जापान के विदेश मंत्री ने भी ताइवान के आसपास चीन के सैन्य अभ्यास को 'तत्काल रोक' देने का आह्वान किया है.

विशेष आर्थिक क्षेत्र यानी कि ईईजेड जापान के तटीय क्षेत्रों से 200 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है. नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन अपने कई हवाई अड्डों पर लड़ाकू विमानों को तैयार कर रहा है और अपनी ताकत के प्रदर्शन में जुट गया है.

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ताइवान के आसपास चीन द्वारा इस तरह की गतिविधियों को इस द्वीप राष्ट्र को डराने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. 

इससे पहले जब वॉशिंगटन ने नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा की घोषणा की थी तो चीन ने तभी अपनी मिलिट्री को हाई अलर्ट कर दिया था और धमकी दी थी कि अमेरिका इस क्षेत्र की 'यथास्थिति' को बिगाड़ने की कोशिश न करे.

चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था, 

'संयुक्त राज्य अमेरिका लगातार 'वन चाइना' के सिद्धांत को लगातार बिगाड़ने और खोखला करने की कोशिश कर रहा है. आग से खेलने जैसी ये हरकतें बेहद खतरनाक हैं. जो आग से खेलते हैं, वे उसी का शिकार हो जाते हैं.'

हालांकि अमेरिका ने ये दलील दी है कि ताइवान में उसके प्रतिनिधि का दौरा उस देश के लोकतंत्र के प्रति अमेरिका के प्रतिबद्धता को दर्शाता है. पेलोसी ने कहा कि वे और उनका देश हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहेंगे.

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