23 अगस्त चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद की सतह पर उतरा. लोगों ने त्योहार की तरह खुशी मनाई. लेकिन जिस तरह त्योहारों के सीज़न में मिलावटी मिठाई की बाढ़ आ जाती है, उसी तरह किसी बड़ी न्यूज़ इवेंट को भुना कर शोहरत हासिल करने वाले फॉड्स की संख्या भी बढ़ जाती है. आपको भी चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद सोशल मीडिया पर कई फर्जी वैज्ञानिक देखने को मिले होंगे. इसी क्रम में गुजरात के सूरत से एक फर्जी वैज्ञानिक (Surat fake Scientist) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस ठग का नाम मितुल त्रिवेदी है. अंग्रेज़ी में - Mitul Trivedi.
Chandrayaan 3 में मेहनत थी इसरो के वैज्ञानिकों की, क्रेडिट खा गया सूरत का फ्रॉड!
अगला लैंडिंग के बाद से धड़ाधड़ इंटर्व्यू दे रहा था. पुलिस को शक हुआ तो पहले हिरासत हुई और फिर गिरफ्तारी.

मितुल अपने आप को ISRO का वैज्ञानिक बताता था. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक मितुल ने दावा किया था कि उसने चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल ‘विक्रम’ को डिजाइन किया है. जब विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग सफल हो गई, तो उसने स्थानीय मीडिया को इंटर्व्यू देना शुरू किया. लेकिन मितुल अपने दावों के समर्थन में कोई दस्तावेज़ पेश नहीं कर रहा था.
इसी के बाद शहर के पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने मामले में जांच के आदेश दिए थेे. पुलिस टीम को उसके दावों के फर्जी होने का शुबहा था ही. इसके बाद जांच शुरू हुई और पुलिस ने मितुल त्रिवेदी को हिरासत में ले लिया. अब तक की जांच में मितुल अपने दावों की पुष्टि नहीं कर पाया है. इसीलिए पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मितुल को गिरफ्तार कर लिया है.
23 अगस्त को शाम 6 बजे के कुछ ही देर बाद ‘विक्रम’ लैंडर ने चांद पर कदम रखा. यानी ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन के सबसे खतरनाक पड़ाव को पार कर लिया. विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने के बाद ISRO चीफ एस सोमनाथ ने इस कामयाबी के लिए सभी वैज्ञानिकों और देश को बधाई दी. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे नए युग की शुरुआत बताया.
फिलहाल लैंडर से निकला रोवर चांद की सतह पर तरह-तरह के प्रयोग कर रहा है, जिनकी जानकारी इसरो समय-समय पर सार्वजनिक करता रहता है.
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