वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणी (R Venkataramani) को भारत का नया अटॉर्नी जनरल (Attorney General) नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल तीन सालों का होगा. वेंकटरमणी भारत के मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की जगह लेंगे. वो 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं.
मुकुल रोहतगी ने ठुकराया था ऑफर, अब आर वेंकटरमणी बनेंगे भारत के नए अटॉर्नी जनरल
आर वेंकटरमणी 1977 से वकालत कर रहे हैं. वो वर्तमान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की जगह लेंगे.

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी सूचना देते हुए कहा,
'माननीय राष्ट्रपति, श्री आर. वेंकटरमणी, वरिष्ठ अधिवक्ता को दिनांक 1 अक्टूबर, 2022 से भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) के पद पर नियुक्त करती हैं.'
इससे पहले ये खबर आई थी कि पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को फिर से अटॉर्नी जनरल बनाया जाएगा. हालांकि, रोहतगी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था, जिसके बाद वेंकटरमणी को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है.
वर्तमान अटॉर्नी जनरल 91 साल के हैं और उन्होंने सरकार से कहा था कि बढ़ती उम्र के चलते वो अब इस पद पर नहीं रह पाएंगे. वेणुगोपाल का कार्यकाल तीन बार बढ़ाया गया था. उन्होंने साल 2017 में रोहतगी की जगह ली थी, जो 2014 से 2017 तक भारत के अटॉर्नी जनरल थे.
वेंकटरमणी का जन्म 13 अप्रैल 1950 को पुदुचेरी में हुआ था. उन्होंने साल 1977 में वकालत की शुरुआत की थी. वो पुदुचेरी के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के दिवंगत प्रोफेसर माधव मेनन के छात्र रहे हैं. साल 1979 से उन्होंने दिल्ली में अपनी प्रैक्टिस शुरु की थी.
उन्हें साल 1977 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट की उपाधि दी गई थी. इससे पहले वह 2010 और 2013 में भारत के विधि आयोग के सदस्य रहे हैं. उन्होंने 'Judgments of Justice O. Chinnappa Reddy' नाम से एक किताब भी लिखी है, जो कि साल 1990 में रिलीज हुई थी. जस्टिस ओ चिन्नप्पा रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के जज थे. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के समक्ष केंद्र सरकार, कई राज्य सरकारों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की पैरवी की है.
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